मराठा आरक्षण आंदोलन खत्म होने पर हाईकोर्ट में जारंगे का बयान, कोर्ट ने मांगा हलफनामा

सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारंगे ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि राज्य सरकार से मुद्दा सुलझ जाने के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन समाप्त कर दिया गया है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति आरती साठे की खंडपीठ ने इस बयान को स्वीकार किया, लेकिन कहा कि जारंगे को उन याचिकाओं का जवाब हलफनामे के जरिए देना होगा जिनमें मुंबई के आज़ाद मैदान में पांच दिनों तक चले आंदोलन को चुनौती दी गई है।

पीठ ने टिप्पणी की कि आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचने के आरोप हैं। अदालत ने सवाल किया, “काफी नुकसान हुआ है, इसकी भरपाई कौन करेगा?”

Video thumbnail

हालाँकि, जारंगे और आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संगठनों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश मानेशिंदे और वी.एम. थोऱाट ने दावा किया कि किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ, बस आम जनता को थोड़ी असुविधा हुई थी।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जारंगे और उनके साथियों को शपथपत्र दाखिल कर यह बताना होगा कि वे कथित घटनाओं के “उकसाने वाले” नहीं थे। अदालत ने कहा, “यदि हलफनामे में इस तरह का स्पष्ट बयान नहीं दिया गया तो जारंगे और उनकी टीम को ही उकसाने वाला मान लिया जाएगा।”

हाईकोर्ट ने जारंगे और उनके समर्थकों को हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। अदालत ने यह भी कहा कि हलफनामा आने के बाद कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाएगा और याचिकाओं का निस्तारण कर दिया जाएगा।

मंगलवार को अदालत ने आंदोलनकारियों को तुरंत आज़ाद मैदान खाली करने का आदेश दिया था और कहा था कि प्रदर्शन अवैध और बिना अनुमति के है। हालांकि, सरकार से बातचीत जारी रहने के कारण अदालत ने उन्हें बुधवार सुबह तक रुकने की अनुमति दी।

READ ALSO  2008 मालेगांव विस्फोट मामले में न्यायाधीश ने कहा, सबूत इकट्ठा करने के लिए अदालत का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, यह अभियोजन एजेंसी का कर्तव्य है

जारंगे ने 29 अगस्त को आज़ाद मैदान में अनशन शुरू किया था और मंगलवार शाम को आंदोलन वापस ले लिया जब महाराष्ट्र सरकार ने उनकी प्रमुख मांगों को मान लिया। इनमें पात्र मराठाओं को कुनबी जाति के प्रमाणपत्र जारी करना शामिल है, जिससे उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

आंदोलन समाप्ति के बाद जारंगे और उनके समर्थकों ने धरना स्थल खाली कर दिया। सरकार ने एक सरकारी संकल्प (GR) जारी कर समिति गठित की है जो ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर पात्र मराठाओं को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करेगी।

READ ALSO  आरजी कर अस्पताल के पूर्व अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, पूर्व प्राचार्य के खिलाफ ईडी जांच की मांग की
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles