पारिवारिक न्यायालय क्रम-1 महानगर प्रथम ने एक मामले में पत्नी के पराए पुरुष से शारीरिक संबंध बनाने को गंभीर मानसिक क्रूरता माना है। अदालत ने कहा कि कोर्ट में पेश किए वीडियो, फोटो व अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से यह स्पष्ट तौर पर साबित होता है कि अप्रार्थिया ने शादी के बाद भी अन्य पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाए। ऐसे में प्रार्थी पति उससे तलाक लेने का हकदार है।
अदालत ने कहा कि अप्रार्थी महिला ने उसके खिलाफ अवैध संबंधों को लेकर पति की ओर से पेश वीडियो व फोटोग्राफ को फर्जी बताया है, लेकिन उसकी ओर से न तो इनका खंडन किया गया है और ना ही पुलिस में कोई रिपोर्ट दर्ज कराई है। ऐसे में पत्नी का अन्य पुरुष से अवैध संबंध होना साबित होता है। अदालत ने यह आदेश सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति के विवाह विच्छेद प्रार्थना पत्र को मंजूर करते हुए दिया।
मामले के अनुसार पति ने अदालत में तलाक लेने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया। जिसमें कहा गया कि उसकी शादी चार फरवरी, 2020 को अप्रार्थी महिला के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही महिला ने प्रार्थी को कहा कि वह उसे तलाक दे दे। इस दौरान वह उसके साथ उचित व्यवहार भी नहीं करती थी और बात-बात में झगड़ा करती थी। वहीं जुलाई, 2020 में वह अपने भाई के साथ चली गई।
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इस दौरान अक्टूबर, 2020 में प्रार्थी का सोशल मीडिया पर एक अन्य महिला से संपर्क हुआ। उस महिला ने बताया कि उसके पति का प्रार्थी की पत्नी के साथ अवैध संबंध हैं। इसके बाद महिला ने प्रार्थी से मुलाकात कर प्रार्थी की पत्नी व अपने पति के अंतरंग हालातों के वीडियो और फोटोग्राफ दिए। ऐसे में प्रार्थी को आघात लगा और उसने मानसिक क्रूरता के आधार पर पत्नी से तलाक लेने का प्रार्थना पत्र दायर किया।
दूसरी ओर अप्रार्थी पत्नी की ओर से कहा गया कि यह वीडियो और फोटो फर्जी हैं। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने मानसिक क्रूरता के आधार पर अर्जी मंजूर करते हुए तलाक की डिक्री जारी की है।