एक महत्वपूर्ण फैसले में, उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक अदालत कक्ष के अंदर शाह नवाज़ की घातक गोलीबारी के लिए एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 17 दिसंबर, 2019 को हुई यह घटना एक अदालती सत्र के दौरान हुई, जिसने उपस्थित लोगों को चौंका दिया।
शाह नवाज को नजीबाबाद में बसपा नेता एहसान और उनके भतीजे की हत्या के मामले में अदालत में पेशी के लिए दिल्ली की तिहाड़ जेल से बिजनौर लाया गया था। इस सत्र के दौरान, सुमित ने दो नाबालिगों के साथ मिलकर अदालत कक्ष में गोलीबारी की, जिससे शाह नवाज की मौके पर ही मौत हो गई। हमले में कोर्ट क्लर्क मनीष कुमार भी गंभीर रूप से घायल हो गए, हमलावर को पकड़ने की कोशिश के दौरान उनके जबड़े में गोली लग गई।
सजा सुनाए जाने से पहले अदालत कक्ष में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। यह मामला, जिस पर 23 जनवरी, 2020 से सुनवाई चल रही है, 156 अदालती तारीखों में 11 गवाहों ने गवाही दी है। सुमित को कल दोषी पाया गया और अदालत ने आज दोपहर करीब ढाई बजे भारी सुरक्षा के बीच उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।
गोलीबारी के बाद एक अन्य आरोपी जब्बार भी भाग गया, जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शुरू में तीन हमलावरों को घटनास्थल पर ही हिरासत में ले लिया, अदालत कक्ष की सुरक्षा की और आगे अराजकता को रोका।