हाईकोर्ट ने बेटी की देखभाल के लिए महिला कांस्टेबल को चाइल्ड केयर लीव प्रदान किया

एक महत्वपूर्ण फैसले में, हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी में स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) में तैनात एक महिला हेड कांस्टेबल को उसकी बीमार बेटी की देखभाल के लिए 45 दिनों की बाल देखभाल छुट्टी देने का निर्देश दिया। अदालत ने प्रकृति में बच्चों के कल्याण के सर्वोपरि महत्व पर जोर देते हुए कहा कि किसी को भी बच्चों के हितों से बेपरवाह नहीं रहना चाहिए।

याचिकाकर्ता, अकेली रहने वाली एक महिला कांस्टेबल, ने अपने अनुरोध पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, अपनी बेटी की देखभाल के लिए छुट्टी के लिए आवेदन किया था। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की पीठ ने याचिका को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तरकाशी में सेवारत याचिकाकर्ता एकल माता-पिता है और अपनी पांच वर्षीय बेटी का पालन-पोषण कर रही है, जो अपनी 70 वर्षीय दादी के साथ रहती है।

READ ALSO  अगर वकीलों पर हमला होता है तो शहर किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं है: हाईकोर्ट

पिछले साल जून से राज्य सरकार के आदेश के बाद, जिसमें महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए सीसीएल को मान्यता दी गई थी, चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) के लिए आवेदन 21 फरवरी को किया गया था। कॉन्स्टेबल ने अपनी बेटी की मनोवैज्ञानिक समस्याओं के बारे में बताया, जिसमें चिकित्सीय सलाह के साथ बच्चे की उचित देखभाल और उसकी माँ की उपस्थिति की आवश्यकता बताई गई।

Video thumbnail

Also Read

READ ALSO  सिर्फ वैवाहिक विवाद आत्महत्या के लिए उकसाने के समान नहीं: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पत्नी को अग्रिम जमानत दी

आवेदन के बावजूद एसएसपी ने छुट्टी मंजूर नहीं की, जिसके बाद अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा। सरकार के वकील ने तर्क दिया कि सीसीएल पांच से 120 दिनों तक हो सकती है और विचार के रूप में आगामी संसदीय चुनावों का उल्लेख किया।

अदालत ने माना कि सीसीएल  नियुक्ति प्राधिकारी के विवेक पर निर्भर है। हालांकि, बच्ची के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए अदालत ने कांस्टेबल को अवसाद से पीड़ित अपनी बेटी की देखभाल के लिए 45 दिनों की सीसीएल का हकदार माना। अदालत ने न्यायिक फैसलों में बच्चों के कल्याण को प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर देते हुए उत्तरकाशी के एसएसपी को तीन दिन के भीतर छुट्टी देने का आदेश दिया।

READ ALSO  [इलाहाबाद हाईकोर्ट] आदेश की अवहेलना पर सीसीएसयू कुलपति से व्यक्तिगत हलफनामा तलब
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles