महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि बांद्रा में बॉम्बे हाईकोर्ट की प्रस्तावित नई इमारत के लिए आवश्यक शेष 2.15 एकड़ भूमि 30 अप्रैल तक हस्तांतरित कर दी जाएगी। राज्य के महाधिवक्ता बीरेन्द्र सराफ ने अदालत को बताया कि आगामी चरण में कुल 4.09 एकड़ भूमि हस्तांतरित की जानी थी, जिसमें से 1.94 एकड़ पहले ही आवंटित की जा चुकी है।
यह आश्वासन न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मासिह की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान दिया गया। अदालत को बताया गया कि विलंबित भूमि पर वर्तमान में झोपड़पट्टियां स्थित हैं, लेकिन अधिकांश निवासी पुनर्वास के लिए सहमत हो गए हैं, जिससे वहां ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया गया कि इस भूमि से संबंधित 20 से अधिक याचिकाएं बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित हैं। इन मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए शीर्ष अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया है कि सभी याचिकाओं को एक ही पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।

साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि हाईकोर्ट परिसर हेतु आवंटित भूमि से संबंधित कोई भी मामला अब केवल बॉम्बे हाईकोर्ट में ही सुना जाए। अन्य किसी भी न्यायालय या अधिकरण में चल रही सुनवाई को हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया जाए।
बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट के नए परिसर हेतु कुल 30.16 एकड़ भूमि चरणबद्ध तरीके से सौंपने की योजना महाराष्ट्र सरकार ने अक्टूबर 2024 में घोषित की थी। इस परियोजना का भूमिपूजन समारोह 23 सितंबर 2024 को आयोजित किया गया था।
फ्लोरा फाउंटेन स्थित वर्तमान ऐतिहासिक कोर्ट भवन की विरासत को बनाए रखते हुए, प्रस्तावित नई इमारत में अत्याधुनिक कोर्टरूम, न्यायाधीशों व रजिस्ट्रार स्टाफ के कार्यालय, एक मध्यस्थता व सुलह केंद्र, सभागार और पुस्तकालय जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। यह परिसर महाराष्ट्र, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव के लिए न्यायिक अवसंरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।