मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि किसी मृत सरकारी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली ग्रैच्युटी (Death-cum-Retirement Gratuity – DCRG) की राशि उसकी विधवा और मां के बीच समान रूप से बांटी जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति शमिम अहमद की पीठ ने आदेश दिया कि कुल शेष DCRG राशि ₹15,25,277 में से ₹7,00,000 मृत कर्मचारी की मां सी. कलैयारासी को और ₹8,15,277 उनकी विधवा पी. तमिलसेल्वी को प्रदान किए जाएं।
मामला क्या था:
यह याचिका (WP(MD) No. 22507 of 2022) पी. तमिलसेल्वी द्वारा दायर की गई थी, जो स्वर्गीय मुरुगेशन की पत्नी हैं। मुरुगेशन सरकारी कर्मचारी थे और उनकी मृत्यु के बाद तमिलसेल्वी ने उनके सेवानिवृत्त लाभों की मांग की थी। लेकिन उनकी सास, सी. कलैयारासी ने जिला मुंसिफ न्यायालय, तूतीकोरिन (O.S. No. 72 of 2022) में मुकदमा दायर कर इन लाभों में हिस्सा मांगा था।

कानूनी प्रश्न:
मूल सवाल यह था कि क्या मृत सरकारी कर्मचारी की मां (जो याचिकाकर्ता की सास भी हैं) को सेवानिवृत्ति लाभों—विशेषकर DCRG—में हिस्सा मिलना चाहिए? अदालत को विधवा की प्राथमिकता और मां के उत्तराधिकार के अधिकारों के बीच संतुलन बैठाना था।
कोर्ट की टिप्पणियां और निर्णय:
न्यायमूर्ति शमिम अहमद ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मद्रास हाईकोर्ट के एक पुराने फैसले (W.P.(MD) No. 18047 of 2023) का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मां, एक वरिष्ठ नागरिक और कानूनी वारिस होने के नाते, सेवानिवृत्ति लाभों में अपना हिस्सा पाने की हकदार है।
कोर्ट ने यह भी माना कि कलैयारासी ने अपने बेटे की मृत्यु के बाद बहू और पोते-पोतियों की देखभाल की है, और याचिकाकर्ता पहले ही कई अन्य लाभ प्राप्त कर चुकी हैं जैसे कि फैमिली बेनिफिट फंड, जीपीएफ, एसपीएफ, अर्जित छुट्टियों का नकदीकरण आदि।
अदालत का आदेश:
कोषागार और लेखा निदेशालय तथा जिला कोषाधिकारी, तूतीकोरिन को निर्देश दिया गया है कि ₹15,25,277 की शेष DCRG राशि निम्नानुसार वितरित की जाए:
- ₹7,00,000 — सी. कलैयारासी (मां को)
- ₹8,15,277 — पी. तमिलसेल्वी (विधवा को)
यह राशि बैंक ड्राफ्ट या चेक के माध्यम से अगली सुनवाई की तारीख 18 मार्च 2025 को अदालत में दोनों पक्षों को सौंपी जाएगी।
वकील:
- याचिकाकर्ता (तमिलसेल्वी) की ओर से: M/s. सेल्वाकमाची. पी
- प्रतिवादी 1 और 2 (कोषागार विभाग की ओर से): श्री डी. सादिक राजा, अतिरिक्त सरकारी वकील
- प्रतिवादी 3 (कलैयारासी की ओर से): M/s. करुणानिधि. आर
यह फैसला यह सुनिश्चित करता है कि मृतक कर्मचारी के सभी वैध उत्तराधिकारियों को न्यायपूर्ण हिस्सा मिले, और पारिवारिक देखभाल तथा नैतिक जिम्मेदारी को भी कानूनी मान्यता दी जाए।