कॉमेडियन कुनाल कामरा को मद्रास हाई कोर्ट से अंतरिम अग्रिम ज़मानत

एक महत्वपूर्ण कानूनी घटनाक्रम में मद्रास हाई कोर्ट ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुनाल कामरा को शुक्रवार को अंतरिम अग्रिम ज़मानत प्रदान की है। यह ज़मानत 7 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी। यह फैसला मुंबई में दर्ज एक आपराधिक मामले के सिलसिले में आया है, जिसमें कामरा पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का आरोप है।

न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने ज़मानत का आदेश देते हुए माना कि कामरा महाराष्ट्र की अदालतों में सुरक्षा के साथ पेश नहीं हो सकते क्योंकि उन्हें राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की ओर से शारीरिक हमले की धमकियाँ मिली हैं। कोर्ट ने कहा, “याचिकाकर्ता ने प्रारंभिक रूप से इस कोर्ट को संतुष्ट किया है कि वह महाराष्ट्र की अदालतों में सुरक्षा की गुहार लगाने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने धमकियों से जुड़ी समाचार रिपोर्टें भी प्रस्तुत की हैं।”

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यह मामला एक स्टैंड-अप शो के दौरान गाए गए एक पैरोडी गीत से जुड़ा है, जिसमें ‘गद्दार’ शब्द का इस्तेमाल किया गया था। माना जा रहा है कि यह संकेत उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उस राजनीतिक कार्रवाई की ओर था, जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना छोड़कर भाजपा के साथ गठबंधन किया था। शिंदे की इस चाल से राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव आया।

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कामरा के वकील ने अदालत में दलील दी कि यह प्रस्तुति व्यंग्य (satire) के रूप में थी, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत संरक्षित है। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यक्रम में किसी व्यक्ति का नाम विशेष रूप से नहीं लिया गया था। बचाव पक्ष ने शिवसेना कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा दी गई धमकियों की ओर भी अदालत का ध्यान दिलाया और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले में व्यंग्य और पैरोडी को अभिव्यक्ति का वैध हिस्सा माना गया है।

कामरा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में सार्वजनिक उपद्रव और मानहानि से संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह शिकायत शिवसेना के विधायक मुराजी पटेल द्वारा मुंबई में दर्ज कराई गई थी। गंभीर खतरे के मद्देनज़र कामरा ने मद्रास हाई कोर्ट में ट्रांज़िट अग्रिम ज़मानत की याचिका दाखिल की थी। ट्रांज़िट अग्रिम ज़मानत का तात्पर्य है कि जब किसी अन्य राज्य में प्राथमिकी दर्ज हो, तो व्यक्ति अपने गृह राज्य में ज़मानत प्राप्त कर सकता है।

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सुनवाई के दौरान कामरा के वकील ने अदालत को बताया कि उन्हें सत्ताधारी दल के मंत्रियों और कार्यकर्ताओं की ओर से खुलेआम धमकियाँ मिल रही हैं। उन्होंने कहा, “500 से ज़्यादा लोग धमकी दे रहे हैं… वे कहते हैं कि ‘शिवसेना स्टाइल’ में सबक सिखाएँगे। ‘शिवसेना स्टाइल’ का क्या मतलब है, यह आम जानकारी है। होटल में तोड़फोड़ करने वालों पर कोई गंभीर कार्रवाई नहीं हुई, उन्हें ज़मानत पर छोड़ दिया गया।”

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कामरा के वकीलों ने यह भी कहा कि वह संविधान में विश्वास रखते हैं और केवल कोर्ट की सुरक्षा चाहते हैं ताकि वह महाराष्ट्र में कानूनी राहत के लिए याचिका दायर कर सकें। कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए मामले की अगली सुनवाई अंतरिम अवधि के बाद तय की है, जिसमें उनकी आगे की सुरक्षा पर विचार किया जाएगा।

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