तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पूर्व मुख्य सचिव को मद्रास हाईकोर्ट का अवमानना नोटिस, 21 जुलाई को व्यक्तिगत उपस्थिति का आदेश

मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु के वर्तमान मुख्य सचिव एन. मुरुगानंदम और उनके पूर्ववर्ती शिव दास मीणा के खिलाफ स्वतः संज्ञान (suo motu) लेते हुए अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की और दोनों अधिकारियों को 21 जुलाई 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति बट्टू देवनंद ने यह आदेश तब पारित किया जब उन्हें prima facie यह प्रतीत हुआ कि दोनों अधिकारियों ने 19 सितंबर 2023 को पारित अदालत के आदेश का पूरी तरह पालन नहीं किया, और केवल हाईकोर्ट रजिस्ट्री द्वारा स्वतः संज्ञान अवमानना याचिका दर्ज किए जाने के बाद ही पालन का प्रयास किया गया।

मामले की पृष्ठभूमि

2023 में तीन रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति देवनंद ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वे तमिलनाडु सिविल सेवा (करुणामूलक आधार पर नियुक्ति) नियम, 2023 में आवश्यक संशोधनों की सिफारिश हेतु एक समिति का गठन करें, क्योंकि ये नियम कई खामियों से ग्रस्त थे।

Video thumbnail

अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि समिति यह विचार करे कि

  • करुणामूलक नियुक्तियों के लिए एक निश्चित समय-सीमा तय की जाए,
  • और पात्र आश्रितों की जिला-वार सूची बनाई जाए।
READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने एम्स को न्यूज़क्लिक संस्थापक की स्वास्थ्य स्थिति की जांच के लिए बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया

साथ ही, मुख्य सचिव को तीन माह के भीतर कार्रवाई प्रतिवेदन (Action Taken Report) अदालत में दाखिल करने का आदेश दिया गया था।

अनुपालन न होने पर अदालत का स्वतः संज्ञान

हालांकि, 5 जून 2025 को करुणामूलक नियुक्ति से संबंधित एक अन्य याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति देवनंद को ज्ञात हुआ कि सितंबर 2023 के आदेश का पालन नहीं किया गया है। इसके चलते उन्होंने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह उस दिन से अब तक के सभी मुख्य सचिवों के विरुद्ध स्वतः संज्ञान अवमानना याचिका दर्ज करे।

इसके अनुसार, पूर्व मुख्य सचिव श्री शिव दास मीणा, जिन्होंने सितंबर 2023 से 19 अगस्त 2024 तक पद संभाला था, और वर्तमान मुख्य सचिव श्री एन. मुरुगानंदम, जो तब से पद पर हैं, उनके विरुद्ध याचिका दर्ज की गई और शुक्रवार को सूचीबद्ध की गई।

READ ALSO  समलैंगिक जोड़े ने हाईकोर्ट से शादी को मान्यता देने की लगाई गुहार- इलाहाबाद HC ने ख़ारिज की याचिका

सरकार की प्रतिक्रिया और अदालत की नाराज़गी

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता एम. सुरेश कुमार ने एक सरकारी आदेश (G.O.) प्रस्तुत किया, जो 11 जून 2025 को पारित हुआ था, जिसमें अदालत के निर्देशानुसार नियमों में संशोधन हेतु समिति गठित की गई थी।

हालांकि, न्यायमूर्ति देवनंद ने इस बात पर असंतोष जताया कि यह सरकारी आदेश केवल तभी पारित हुआ जब अदालत ने स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज करने का आदेश दिया था। उन्होंने इसे अनुपालन दिखाने का विलंबित प्रयास बताया और कार्यवाही को जारी रखने का निर्णय लिया।

READ ALSO  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में यूपी के पूर्व मंत्री को जमानत पर समाचार पर अरुण पुरी के खिलाफ मानहानि का मामला खारिज कर दिया

इसलिए अदालत ने दोनों अधिकारियों को वैधानिक नोटिस जारी कर 30 दिन के भीतर, अर्थात् 21 जुलाई 2025 को, अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles