एक महत्वपूर्ण कानूनी विकास में, मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 2007 और 2016 में पारित उन आदेशों को रद्द कर दिया, जिनके तहत डीएमके नेता और वर्तमान कृषि मंत्री एम.आर.के. पनीरसेल्वम तथा उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति के मामले खारिज कर दिए गए थे। ये मामले उनके पूर्व मंत्री कार्यकाल के दौरान की गई कथित अनियमितताओं से जुड़े हैं।
न्यायमूर्ति पी वेल्मुरुगन ने कुड्डालोर जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आरोपमुक्ति आदेशों को निरस्त करते हुए, भ्रष्टाचार निरोधक एवं सतर्कता निदेशालय (DVAC) द्वारा 2013 और 2016 में दायर याचिकाओं को स्वीकार कर लिया। हाईकोर्ट ने विशेष न्यायालय, कुड्डालोर को निर्देश दिया है कि वह दोनों मामलों में प्रतिदिन सुनवाई कर छह महीने के भीतर मुकदमा पूरा करे।
आरोपों के अनुसार, पनीरसेल्वम ने अपने ज्ञात स्रोतों से आय की तुलना में काफी अधिक संपत्ति अर्जित की। पहले मामले में कहा गया है कि 1996 से 2001 के बीच, पनीरसेल्वम और उनकी पत्नी सेंथमिऴसेल्वी ने लगभग 21.22 लाख रुपये की संपत्ति अर्जित की, जो उनकी वैध आय से काफी अधिक थी।

दूसरा मामला 2006 से 2011 की अवधि से संबंधित है, जिसमें पनीरसेल्वम, उनकी पत्नी पी. सेंथमिऴसेल्वी और पुत्र पी. काथिरेसन पर लगभग 3 करोड़ रुपये की अनुपातहीन संपत्ति एकत्र करने का आरोप है, जो उनके घोषित आय स्रोतों से मेल नहीं खाती।