मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें शहर की सिविल कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पाडी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) की याचिका खारिज कर दी थी। पलानीस्वामी ने अपने अन्नाद्रमुक महासचिव चुने जाने को चुनौती देने वाली याचिका को निरस्त करने का अनुरोध किया था।
दिंडीगुल निवासी सूर्यमोorthy ने खुद को अन्नाद्रमुक सदस्य बताते हुए चेन्नई सिविल कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें 11 जुलाई 2022 को आयोजित अन्नाद्रमुक की आम परिषद बैठक में पारित प्रस्तावों और पलानीस्वामी को पार्टी प्रमुख घोषित करने के निर्णय को चुनौती दी गई थी।
इसके जवाब में पलानीस्वामी ने आवेदन दायर कर कहा था कि याचिकाकर्ता को इस मामले में कोई अधिकार (लोकस स्टैंडी) नहीं है और याचिका खारिज होनी चाहिए। हालांकि, सिविल कोर्ट ने यह दलील खारिज कर दी थी।

न्यायमूर्ति पी. बी. बालाजी ने निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने माना कि सूर्यमोorthy 2018 से अन्नाद्रमुक के सदस्य नहीं थे और 2021 विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था। ऐसे में उन्हें पार्टी के आंतरिक मामलों पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।