हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की याचिका खारिज कर दी है, जिसमें 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों में उनके निर्वाचन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने की मांग की गई थी। एकल पीठ के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने 14 अगस्त को भाजपा के ध्रुव नारायण सिंह द्वारा लाई गई चुनौती की वैधता को बरकरार रखते हुए आदेश पारित किया।
भोपाल मध्य निर्वाचन क्षेत्र में मसूद से पराजित सिंह ने कांग्रेस विधायक पर चुनाव प्रचार के दौरान भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने का आरोप लगाया। याचिका के केंद्र में यह आरोप है कि मसूद विवादित ऋण सहित वित्तीय देनदारियों का सही-सही खुलासा करने में विफल रहे, जिसने सिंह के अनुसार मसूद के चुनावी हलफनामे को भ्रामक बना दिया।
अदालत ने कहा कि मसूद पर एक राष्ट्रीयकृत बैंक से लिए गए ऋण पर चूक करने का आरोप है, जिसके खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति घोषित किया गया है। पीठ ने कहा कि इन गंभीर आरोपों को प्रारंभिक चरण में खारिज करने के बजाय गहन जांच की आवश्यकता है।
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मसूद ने तर्क दिया था कि सिंह की याचिका प्रक्रियात्मक रूप से त्रुटिपूर्ण थी क्योंकि इसे मूल रूप से हस्ताक्षरित होने के बजाय फोटोकॉपी के रूप में प्रस्तुत किया गया था और इसमें आरोपों का समर्थन करने के लिए अपेक्षित हलफनामा भी नहीं था। हालांकि, हाईकोर्ट ने चुनावी कदाचार के मूल दावों की विस्तृत जांच की आवश्यकता को खत्म करने के लिए इन तर्कों को अपर्याप्त पाया।