ठाणे मोटरसाइकिल दुर्घटना: घायल को 7.4 लाख, मृतक के परिजनों को 6.5 लाख मुआवजा – MACT का फैसला

महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) ने एक अहम फैसला सुनाते हुए एक गंभीर सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। अधिकरण ने घायल व्यक्ति को 7.4 लाख रुपये और मृतक के परिजनों को 6.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।

यह हादसा 19 जनवरी 2017 को नगर-मुर्बाड रोड पर हुआ था, जब एक मोटरसाइकिल और टेम्पो के बीच टक्कर हो गई। मोटरसाइकिल पर विषाल वसंत बारस्कर और दीपेश अर्जुन पावशे सवार थे। इस दुर्घटना में पावशे की मौत हो गई, जबकि बारस्कर को मस्तिष्क में गंभीर चोटें, चेहरे की हड्डियों, पसलियों में फ्रैक्चर और फेफड़ों में चोटें आईं।

READ ALSO  बिकरु कांड, कोर्ट में पैरवी के लिए कमेटी का गठन

MACT के सदस्य एस. एन. शाह ने टेम्पो की मालिक वर्षा अजीत गोरड़े को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया और माना कि टेम्पो चालक ने लापरवाही और तेज रफ्तार से वाहन चलाया। मामले में टेम्पो चालक के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया था, हालांकि वह सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहा।

Video thumbnail

सुनवाई के दौरान बीमा कंपनी बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड की ओर से अधिवक्ता ए. के. तिवारी ने दलील दी कि दुर्घटना के समय बीमा पॉलिसी अमान्य थी, क्योंकि उसका प्रीमियम हादसे के बाद जमा किया गया था। अधिकरण ने इस दलील को स्वीकारते हुए पाया कि बीमा प्रीमियम 19 जनवरी को दोपहर 3:36 बजे प्राप्त हुआ था, जबकि दुर्घटना सुबह 8:15 से 9:00 बजे के बीच हुई थी। इसलिए बीमा कंपनी को मुआवजा देने से मुक्त कर दिया गया।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एस के कौल को हीरा गोल्ड केस में आया निवेशक का WhatsApp मेसेज- जानिए विस्तार से

बारस्कर को गंभीर चोटों के लिए कुल 7.4 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। वहीं पावशे के परिवार को 6.5 लाख रुपये का मुआवजा मिला, जिसमें भविष्य की आय हानि के लिए 5.4 लाख, संपत्ति और अंतिम संस्कार खर्च के लिए 30,000 रुपये और पुत्र के प्रति स्नेह के लिए 80,000 रुपये शामिल हैं।

Ad 20- WhatsApp Banner
READ ALSO  क्या डॉक्टरों द्वारा स्रोत का खुलासा किए बिना कम मात्रा में दवाओं का स्टॉक करना जनता को खतरे में डालने जैसा है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा नहीं

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles