लखनऊ के विभूति खंड थाने में वकीलों और पुलिस के बीच हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद कानूनी समुदाय ने विरोध तेज कर दिया है। अवध बार एसोसिएशन ने 18 मार्च से हड़ताल का ऐलान कर दिया है।
यह विवाद होली के दौरान विभूति खंड थाने में हुआ था, जहां वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच तनातनी हो गई। वकीलों ने 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके जवाब में पुलिस ने 150 वकीलों पर मामला दर्ज कर दिया।
स्थिति के बढ़ते तनाव को देखते हुए लखनऊ बार एसोसिएशन और सेंट्रल बार एसोसिएशन ने आपात बैठक बुलाई, जिसमें अधिवक्ताओं सौरभ कुमार वर्मा और राहुल पांडेय के साथ हुई कथित बदसलूकी का मुद्दा प्रमुख रूप से उठाया गया।

संयुक्त बैठक में 11 प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें से एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव यह था कि 18 मार्च से सभी वकील कार्य बहिष्कार करेंगे।
वकीलों के विरोध के बाद नौ पुलिसकर्मियों, जिनमें एक इंस्पेक्टर भी शामिल है, के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, पुलिस ने भी दो नामजद वकीलों समेत कई अन्य अज्ञात वकीलों पर मामला दर्ज किया है। वकीलों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, जिनमें दोषी पुलिसकर्मियों का निलंबन और वकीलों पर दर्ज एफआईआर की वापसी शामिल हैं, तो विरोध प्रदर्शन और तेज किया जाएगा।
इस हड़ताल से लखनऊ की अदालतों में विशेष रूप से सोमवार को कामकाज प्रभावित रहने की संभावना है। वकीलों ने साफ कर दिया है कि जब तक संतोषजनक समाधान नहीं निकलता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। कोर्ट परिसर और हजरतगंज इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने कहा है कि वे हालात पर नजर बनाए हुए हैं और उचित कार्रवाई की जाएगी।
संभावना जताई जा रही है कि सोमवार को जिला अदालत में वकीलों का बड़ा प्रदर्शन होगा, जिसके चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। बार एसोसिएशन ने यह भी संकेत दिया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो प्रदेशभर में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।