LLM पास उम्मीदवार AIBE में फेल, गुजरात हाईकोर्ट पहुँची, हटाए गए सवालों पर ग्रेस मार्क्स की मांग

गुजरात हाईकोर्ट ने ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) 19 में असफल रही एक एलएलएम ग्रेजुएट उर्वी आचार्य की याचिका पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता ने परीक्षा में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए ग्रेस मार्क्स देने की मांग की है।

AIBE एक राष्ट्रीय स्तरीय प्रमाणन परीक्षा है, जो लॉ ग्रेजुएट्स के लिए आयोजित की जाती है ताकि वे भारत में वकालत कर सकें। यह ओपन बुक फॉर्मेट में आयोजित होती है और इसका उद्देश्य बुनियादी कानूनी ज्ञान और विश्लेषणात्मक क्षमताओं का आकलन करना होता है। लॉ के अंतिम वर्ष के छात्र भी यह परीक्षा दे सकते हैं।

READ ALSO  UAPA मामले में जमानत की मांग करने वाली उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट जज ने खुद को अलग कर लिया

उर्वी आचार्य, जिन्होंने क्रिमिनल लॉ में एलएलएम डिग्री फर्स्ट क्लास में पास की है, ने दिसंबर 2024 में AIBE परीक्षा दी थी। लेकिन परिणाम में उन्हें फेल घोषित कर दिया गया। उन्होंने इस परिणाम को मानने से इनकार कर दिया और रीचेकिंग की मांग की। रीचेकिंग के बाद भी बीसीआई ने उन्हें असफल ही बताया, लेकिन असफलता के पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया।

Video thumbnail

उर्वी के वकील प्रतीक जसानी ने अदालत में दलील दी कि परीक्षा में पूछे गए कुल 100 बहुविकल्पीय प्रश्नों में से सात प्रश्नों को बार काउंसिल द्वारा परीक्षा के बाद आधिकारिक रूप से हटा दिया गया था। इसके चलते परिणाम कुल 93 प्रश्नों के आधार पर जारी किया गया। जसानी ने तर्क दिया कि यदि कुल प्रश्नों की संख्या 93 हो गई थी, तो पासिंग मार्क्स भी 45 से घटाकर 42 किए जाने चाहिए थे (यानी 45% स्कोर)।

उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता एक मेधावी छात्रा है और उसने 100 में से सभी प्रश्नों को अटेम्प्ट किया था। ऐसे में जिन सात प्रश्नों को बाद में रद्द कर दिया गया, उनके लिए उसे ग्रेस मार्क्स मिलना चाहिए था। लेकिन बीसीआई की ओर से इस बारे में कोई स्पष्ट स्थिति नहीं बताई गई।

READ ALSO  पानी की बोतलों की एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने के लिए ड्रिंकरी 51 पर लगा जुर्माना

कोर्ट ने इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया से जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई आगामी तिथि पर होगी।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles