इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक आवेदन दाखिल कर हाल ही में पारित उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि–शाही ईदगाह विवाद से संबंधित वाद संख्या-17 को सभी हिंदू पक्षों की ओर से एक प्रतिनिधि वाद घोषित किया गया था।
यह आवेदन कौशल किशोर ठाकुर की ओर से दाखिल किया गया है, जिसमें 18 जुलाई 2024 को पारित हाईकोर्ट के आदेश को गलत बताया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वाद संख्या-17 तब दायर किया गया जब इस विवाद से संबंधित सभी वादों को मथुरा की अदालत से स्थानांतरित कर हाईकोर्ट में एक साथ जोड़ दिया गया था।
ऐसे में एक नए वाद को प्रतिनिधि वाद मान लेना उन सभी वादकारियों के साथ अन्याय है जो वर्षों से यह मुकदमा लड़ रहे हैं। याचिका में इस प्रक्रिया को पक्षपातपूर्ण बताते हुए आदेश को रद्द करने की मांग की गई है।

यह विवाद मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर है, जिसे हिंदू पक्ष यह कहकर चुनौती दे रहा है कि मुगल शासक औरंगजेब के शासनकाल में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर बने मंदिर को तोड़कर यह मस्जिद बनाई गई थी। विभिन्न वादों में मस्जिद को हटाकर मंदिर के पुनः निर्माण और भूमि पर स्वामित्व की मांग की गई है।
गौरतलब है कि मई 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े मथुरा अदालत में लंबित सभी 18 वादों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था। इसके बाद 1 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें इन वादों की स्वीकार्यता पर आपत्ति जताई गई थी।