केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व सीपीआई(एम) विधायक आर. राजेश के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का संकेत दिया है। यह कार्यवाही राजेश द्वारा एक मौजूदा जज को लेकर कथित रूप से की गई आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट के कारण की जाएगी।
जस्टिस डी.के. सिंह, जो इस समय कई संबंधित रिट याचिकाओं की सुनवाई कर रहे हैं, ने उक्त पोस्ट की सामग्री पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे “सड़ांध भरी” करार दिया और कहा कि इसका उद्देश्य न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाना है। यह घटनाक्रम उस समय सामने आया जब जज के समक्ष केरल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा कुलपति द्वारा किए गए निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई चल रही थी।
कोर्ट ने मौखिक रूप से यह टिप्पणी की कि आर. राजेश, जो विश्वविद्यालय सिंडिकेट के सदस्य हैं, ने यह पोस्ट उस समय की जब उनकी खुद की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा गया था। जस्टिस सिंह ने कहा, “आज उसे इसके नतीजे भुगतने होंगे। वह व्यक्ति जो मेरे सामने वादकारी है, उसने फेसबुक पोस्ट लिखी है… उसकी रिट याचिका पर फैसला सुरक्षित है। उसमें हिम्मत है कि वह मेरे खिलाफ फेसबुक पर लिखता है।”

जज ने आगे कहा कि यह पोस्ट न्यायालय पर दबाव बनाने की कोशिश है। उन्होंने कहा, “वह मुझ पर दबाव बनाना चाहता है—मेरी लाश पर ही वह ऐसा कर सकता है। यह प्रतिष्ठा एक दिन में नहीं बनी है… मैं किसी से डरने या दबाव में आने के लिए जज नहीं बना हूं।”
जस्टिस सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि पूर्व विधायक के खिलाफ अवमानना के आरोप उसी दिन तय किए जाएंगे। अदालत ने कहा कि किसी वादकारी द्वारा ऐसा आचरण न्यायिक स्वतंत्रता को कमजोर करता है और संस्था की निष्पक्षता के लिए खतरा उत्पन्न करता है।