केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को रैपर हिरंदास मुरली, जो वेदन के नाम से लोकप्रिय हैं, को अस्थायी राहत देते हुए निर्देश दिया कि उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर दोबारा विचार होने तक अभियोजन पक्ष उनकी गिरफ्तारी की कार्रवाई आगे न बढ़ाए।
न्यायमूर्ति बिचू थॉमस ने वेदान की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अभियोजन महानिदेशक को अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी न करने का निर्देश दिया। अदालत ने शिकायतकर्ता को भी मामले में तीसरे प्रतिवादी के रूप में शामिल किया।
सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि दो अन्य महिलाओं ने हाल ही में मुख्यमंत्री से शिकायत दर्ज कराई है और आरोप लगाया है कि वेदान बार-बार अपराध करने वाला (repeat offender) है। इस पर अदालत ने पूछा कि इन दावों को कैसे साबित किया जा सकता है और क्या इन शिकायतों के आधार पर कोई नया मुकदमा दर्ज हुआ है।

वेदन के वकील ने अदालत में दलील दी कि आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच का संबंध आपसी सहमति से था और बलात्कार का आरोप गलत है। अदालत बुधवार को इस मामले की सुनवाई जारी रखेगी।
पिछले महीने त्रिक्काकारा पुलिस ने एक महिला डॉक्टर की शिकायत पर वेदान के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 2021 से 2023 के बीच वेदान ने शादी का झांसा देकर कई बार उसका यौन शोषण किया। इसके बाद से ही वेदान फरार है और पुलिस ने हाल ही में उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया।
इससे पहले भी वेदान को नारकोटिक्स और वन्यजीव अपराध से जुड़े मामलों में गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उसे दोनों मामलों में जमानत मिल गई थी।
हाईकोर्ट का यह आदेश वेदान को अस्थायी राहत देता है, लेकिन अग्रिम जमानत पर अंतिम निर्णय अब आगे की सुनवाई में होगा।