मालवाहक जहाजों की सुरक्षा और समुद्री उत्तरदायित्व से जुड़े एक अहम मामले में केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को लाइबेरियाई झंडा लगे पोत MSC Polo II की सशर्त गिरफ्तारी का आदेश दिया है। यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक पोत की मूल कंपनी MSC Mediterranean Shipping Co SA ₹73.49 लाख की सुरक्षा राशि जमा नहीं कर देती, जो कि एक स्थानीय निर्यातक द्वारा दायर समुद्री दावे से संबंधित है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एम.ए. अब्दुल हकीम ने सैंस काजू इंडिया प्रा. लि. की ओर से दाखिल एडमिरल्टी वाद में पारित किया। केरल स्थित इस काजू निर्यातक कंपनी का दावा है कि 24-25 मई के बीच MSC Polo II की सिस्टर शिप MSC Elsa 3 के केरल तट के पास डूब जाने से उसका क़ीमती माल समुद्र में नष्ट हो गया।
कंपनी ने आरोप लगाया कि MSC Elsa 3 का डूबना यांत्रिक और तकनीकी दोषों, उचित देखभाल की कमी, पोत की अनुपयुक्तता, और कंटेनरों के अनुचित स्टोवेज व क्रू की अक्षमता के कारण हुआ। कंपनी ने अदालत से आग्रह किया था कि जब तक सुरक्षा राशि जमा न हो, तब तक MSC Polo II को हिरासत में लिया जाए।

जहाज के मालिकों द्वारा यह तर्क दिया गया कि पोत अदालत के क्षेत्राधिकार से बाहर है और वे दोपहर तक सुरक्षा राशि जमा करेंगे, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा, “सुरक्षा राशि जमा होने तक सशर्त गिरफ्तारी के आदेश से कोई हानि नहीं होगी।” कोर्ट ने यह भी माना कि कंपनी द्वारा प्रस्तुत दावा प्रथम दृष्टया योग्य है।
अदालत ने अदानी विजिंजम पोर्ट प्रा. लि. को गिरफ्तारी वारंट लागू करने और पोत, उसके इंजन, उपकरण और ऑनबोर्ड माल को अपने नियंत्रण में लेने का निर्देश दिया। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि सुरक्षा राशि जमा होते ही यह सशर्त गिरफ्तारी स्वतः निरस्त मानी जाएगी।
न्यायमूर्ति हकीम ने कहा कि काजू कंपनी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ और हलफनामे से कोर्ट संतुष्ट है और प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
हाईकोर्ट ने MSC Polo II के मालिकों को नोटिस जारी कर 21 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
MSC Elsa 3 पोत में कुल 640 कंटेनर लदे थे, जिनमें 13 खतरनाक रसायनों और 12 कैल्शियम कार्बाइड से भरे थे। यह पोत अलप्पुझा जिले के थोट्टप्पल्ली तट से लगभग 14.6 समुद्री मील की दूरी पर डूब गया था। इसमें लगभग 450 मीट्रिक टन डीज़ल और फर्नेस ऑयल भी था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पोत के डूबने के बाद उसमें काफी मात्रा में तेल फंसा हुआ है, जिससे पर्यावरणीय और नौवहन संबंधी खतरे उत्पन्न हो गए हैं।
केरल पुलिस ने पोत के मालिक, कप्तान और चालक दल के खिलाफ लापरवाहीपूर्ण नौवहन और जीवन व संपत्ति को संकट में डालने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की है।