केरल हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री की बेटी और CMRL से जुड़ी SFIO कार्यवाही पर लगाई रोक

केरल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) की शिकायत से जुड़ी सत्र न्यायालय में चल रही कार्यवाही पर दो महीने के लिए यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। यह मामला मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा टी और कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (CMRL) से जुड़ा है, जो वर्तमान में सत्र न्यायालय में विचाराधीन है।

न्यायमूर्ति टी.आर. रवि ने यह अंतरिम आदेश CMRL द्वारा दाखिल याचिका पर पारित किया, जिसमें सत्र न्यायालय द्वारा SFIO की शिकायत को संज्ञान में लेने के निर्णय को चुनौती दी गई थी। इस आदेश के चलते अब अगले दो महीने तक सत्र न्यायालय किसी भी पक्षकार, जिसमें मुख्यमंत्री की बेटी वीणा टी भी शामिल हैं, को कोई नया नोटिस या समन जारी नहीं कर सकेगा।

READ ALSO  समीर वानखेड़े के पिता ने नवाब मलिक मानहानि मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की अपील

केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ए.आर.एल. सुंदरसन ने हाईकोर्ट के इस आदेश की पुष्टि की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही सत्र न्यायालय द्वारा शिकायत को संज्ञान में लेने के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई, लेकिन कार्यवाही को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।

Video thumbnail

इस मामले की जड़ें SFIO द्वारा इस महीने की शुरुआत में दायर एक आरोपपत्र में हैं, जिसमें CMRL और अन्य के खिलाफ गैरकानूनी वित्तीय गतिविधियों, विशेषकर “अवैध भुगतान” घोटाले का आरोप लगाया गया है।

READ ALSO  सीबीआई फरार स्वयंभू उपदेशक वीरेंद्र देव दीक्षित के बैंक खाते फ्रीज करने के लिए स्वतंत्र है: दिल्ली हाई कोर्ट

SFIO की जांच में सामने आया है कि CMRL ने कथित तौर पर फर्जी खर्चों और जाली बिलों के जरिए 182 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी की। यह भी आरोप है कि मुख्यमंत्री की बेटी वीणा टी को उनकी अब बंद हो चुकी आईटी कंपनी एक्सालॉजिक के माध्यम से बिना किसी सेवा प्रदान किए लगभग 2.7 करोड़ रुपये मिले। हालांकि मुख्यमंत्री विजयन ने इन आरोपों को सार्वजनिक रूप से खारिज किया है।

READ ALSO  पीड़ित ने कोर्ट में कहा, 'जज साहब, कृपया मुआवजा अपने पास रखें'- इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने न्याय में देरी पर बताया ये वाक्य
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles