केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा नेता पीसी जॉर्ज की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया, हाल ही में एक टेलीविजन बहस के दौरान नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोपों को आधार मानते हुए। यह निर्णय तब आया जब कोट्टायम जिला सत्र न्यायालय ने पहले उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।
मुस्लिम यूथ लीग के नेता मुहम्मद शिहाब की शिकायत के बाद एराट्टुपेटा पुलिस ने जॉर्ज के खिलाफ मामला दर्ज किया था। शिहाब ने जॉर्ज पर एक टेलीविजन चर्चा में भाग लेने के दौरान ऐसे बयान देने का आरोप लगाया जो संभावित रूप से धार्मिक घृणा को भड़का सकते हैं। पूर्व विधायक पर आरोप है कि उन्होंने अपनी टिप्पणी में एक अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया, जिससे काफी विवाद हुआ।
पीसी जॉर्ज पर प्रसारण और नेटवर्किंग सेवा (बीएनएस) अधिनियम की धारा 196(1)(ए) और धारा 299 के साथ-साथ केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120(ओ) सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जो विभिन्न समूहों के बीच धार्मिक या नस्लीय शत्रुता पैदा करने से संबंधित है।
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हाईकोर्ट का निर्णय न्यायपालिका के सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने तथा सामाजिक शांति को बाधित करने वाले किसी भी भाषण के विरुद्ध सख्त कदम उठाने के रुख को रेखांकित करता है। जॉर्ज की याचिका को खारिज करने से पता चलता है कि न्यायालय को विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोपों में पर्याप्त आधार दिखाई देता है।