एक महिला, जिसने कोच्चि स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी के मालिक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जांच को कोच्चि सिटी पुलिस से क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित करने की मांग की है।
याचिका में महिला ने आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस की जांच “पक्षपातपूर्ण, सतही और शत्रुतापूर्ण” तरीके से की जा रही है और इसका उद्देश्य आरोपी वेंणु गोपालकृष्णन (50) को बचाना है। गोपालकृष्णन इससे पहले भी चर्चा में रहे थे, जब उन्होंने अपनी लैम्बोर्गिनी उरुस कार के लिए 45.99 लाख रुपये में वीआईपी नंबर खरीदा था।
यह मामला जुलाई 2025 का है, जब याचिकाकर्ता और उसके पति को पुलिस ने गोपालकृष्णन को हनी-ट्रैप करने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस समय महिला आरोपी की आईटी कंपनी में कार्यरत थी। बाद में जमानत मिलने के बाद महिला ने खुद पर झूठा फंसाने का आरोप लगाया और गोपालकृष्णन के खिलाफ नई शिकायत दर्ज कराई।

इसके बाद पिछले महीने गोपालकृष्णन और उनकी कंपनी के तीन कर्मचारियों — जेकब थम्पी, एबी पॉल और बिमलराज हरिदास — के खिलाफ यौन उत्पीड़न, महिला की मर्यादा भंग करने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में नया एफआईआर दर्ज हुआ।
11 सितम्बर को केरल हाईकोर्ट ने गोपालकृष्णन की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। अदालत ने पुलिस जांच में गंभीर खामियों की ओर इशारा किया था, जिनमें शामिल हैं:
- एफआईआर में महत्वपूर्ण तथ्यों की कमी,
- पीड़िता का बयान दर्ज करने में देरी, और
- बिना सीजर महाजर के पीड़िता के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को एक सप्ताह से अधिक समय तक जब्त रखना।
महिला ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि एर्नाकुलम सेंट्रल और इन्फोपार्क थाने में दर्ज दोनों मामलों को क्राइम ब्रांच को सौंपा जाए ताकि निष्पक्ष, समेकित और समयबद्ध जांच हो सके।
केरल हाईकोर्ट इस याचिका पर 4 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।