राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित करने के आरोप से जुड़े एक अवमानना मामले में वरिष्ठ माकपा (CPI-M) नेता सोमवार को केरल हाईकोर्ट के समक्ष पेश हुए। मामला इस वर्ष फरवरी में कन्नूर में हुए एक प्रदर्शन से संबंधित है।
माकपा नेता पी. जयाराजन, एम. वी. जयाराजन, ई. पी. जयाराजन और विधायक के. वी. सुमेश न्यायमूर्ति अनिल के. नारेंद्रन और न्यायमूर्ति एस. मुरली कृष्णा की खंडपीठ के सामने उपस्थित हुए। अदालत ने सभी नेताओं को शपथपत्र दाखिल कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया और दस्तावेज दाखिल होने के बाद आगे की सुनवाई के लिए मामला स्थगित कर दिया।
यह अवमानना याचिका मराडु (एर्नाकुलम) निवासी एन. प्रकाश ने दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि माकपा नेताओं ने कन्नूर हेड पोस्ट ऑफिस के पास एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जिसके तहत एक तंबू भी लगाया गया और इससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हुआ।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि इस प्रकार के प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के उन फैसलों का उल्लंघन हैं जिनमें सार्वजनिक सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध करने पर रोक लगाई गई है।
अदालत के बाहर पत्रकारों से बातचीत में एम. वी. जयाराजन ने कहा कि यह प्रदर्शन यातायात रोकने के लिए नहीं था। उन्होंने बताया, “अदालत ने हमें शपथपत्र देने को कहा है। यह प्रदर्शन केंद्र सरकार की राज्य के प्रति उपेक्षा के खिलाफ था।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि अदालत दोबारा तलब करेगी तो वे फिर से पेश होंगे।