दिल्ली शराब नीति घोटाले के आरोपी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को शहर की एक अदालत में याचिका दाखिल कर पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की मांग की।
केजरीवाल के वकील ने अदालत को बताया कि उनका पासपोर्ट 2018 में ही समाप्त हो चुका है और अब वह 10 साल के लिए उसका नवीनीकरण कराना चाहते हैं।
इस पर विशेष न्यायाधीश दिग विनय सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को नोटिस जारी कर 4 जून तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा, जो इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख है।
सीबीआई ने कहा—चार्ज फ्रेमिंग पर बहस को तैयार
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत को अवगत कराया कि वह भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर आरोप तय करने (चार्ज फ्रेमिंग) की बहस के लिए तैयार है।
यह मामला दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से जुड़ा है, जिसे अब रद्द किया जा चुका है। इस केस की जांच दो एजेंसियों द्वारा की जा रही है—CBI नीति निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रही है, जबकि ED मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं की जांच कर रही है।
मामला क्या है?
इस मामले की पृष्ठभूमि उस शिकायत से जुड़ी है जो दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा शराब नीति में अनियमितताओं की जांच की सिफारिश के बाद सामने आई थी।
जांच एजेंसियों का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नीति में बदलाव किए थे। यह नई आबकारी नीति नवंबर 2021 में लागू की गई थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इसे सितंबर 2022 में वापस ले लिया गया।
अरविंद केजरीवाल ने इन आरोपों से इनकार किया है और इसे राजनीतिक द्वेष की भावना से प्रेरित कार्रवाई बताया है। यह मामला न केवल दिल्ली की राजनीति, बल्कि आम आदमी पार्टी की शीर्ष नेतृत्व के लिए भी एक अहम कानूनी परीक्षा बन चुका है।