कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को 2016 में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के मामले में आरोपी कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की। कुलकर्णी ने जनप्रतिनिधियों के लिए गठित विशेष अदालत द्वारा जमानत से इनकार किए जाने के आदेश को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति एस. सुनील दत्त यादव की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कुलकर्णी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी. वी. नागेश ने दलील दी कि अभियोजन पक्ष के अधिकांश प्रत्यक्षदर्शी गवाह शत्रुतापूर्ण हो चुके हैं और ऐसे में ट्रायल के दौरान याचिकाकर्ता को हिरासत में रखने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए और कुलकर्णी को जमानत दी जाए।
वहीं, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से पेश वकील ने जमानत याचिका पर आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा। हाईकोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर के लिए स्थगित कर दी।
यह मामला भाजपा के जिला पंचायत सदस्य योगेश गौड़ा की हत्या से जुड़ा है, जिनकी 15 जून 2016 को धारवाड़ में हत्या कर दी गई थी। सितंबर 2019 में राज्य सरकार ने मामले की जांच CBI को सौंप दी थी। इसके बाद नवंबर 2020 में एजेंसी ने विनय कुलकर्णी को गिरफ्तार किया।
CBI ने जांच पूरी कर जनप्रतिनिधियों के लिए गठित विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। विनय कुलकर्णी को इस मामले में मुख्य आरोपी बताया गया है और वह 13 जून 2025 से न्यायिक हिरासत में हैं। फिलहाल उनके खिलाफ ट्रायल जारी है।
हाईकोर्ट अब CBI की आपत्तियों के बाद जमानत याचिका पर आगे सुनवाई करेगा।

