कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और तुमकुरु ज़िले के शिवनगर गांव स्थित श्री होन्नेश्वर देवता मंदिर के पास मांसाहारी भोजन पर लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा है।
यह याचिका श्री होन्नेश्वरस्वामी देवस्थान जिर्णोद्धार सेवा समिति ट्रस्ट ने दायर की है। ट्रस्ट ने दलील दी है कि पुलिस का यह आदेश श्रद्धालुओं की परंपराओं के विपरीत है और गांव के निवासियों के दैनिक जीवन में हस्तक्षेप करता है।
13 जुलाई 2024 को क्षेत्रीय पुलिस ने एक नोटिस जारी कर मंदिर से 200 मीटर की परिधि में पशु बलि और मांसाहार पर प्रतिबंध लगाया था। नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई थी कि उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।

ट्रस्ट ने कहा है कि वह पशु बलि पर रोक का विरोध नहीं करता, लेकिन मांसाहारी भोजन पर व्यापक प्रतिबंध लोगों की निजी स्वतंत्रता का हनन है। चूंकि मंदिर गांव के बीचोंबीच स्थित है, इसलिए यह आदेश लोगों को उनके घरों में भी मांसाहार पकाने या खाने से रोक देगा।
ट्रस्ट ने बताया कि यह मंदिर एक निजी देवस्थान है, जहां कर्नाटक व पड़ोसी राज्यों से आने वाले श्रद्धालु पीढ़ियों से पूजा-अर्चना के साथ शाकाहारी और मांसाहारी भोजन भी तैयार करते आए हैं। यह भोजन मंदिर प्रांगण के बाहर बने रसोईघर और भोजनालय में तैयार किया जाता है, न कि मंदिर के गर्भगृह में।
ट्रस्ट का कहना है कि सितंबर 2024 में उसने पुलिस को लिखित स्पष्टीकरण दिया था कि मंदिर परिसर में पशु बलि नहीं होती, लेकिन पुलिस ने अब तक आदेश वापस नहीं लिया।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बी.एम. श्याम प्रसाद ने अतिरिक्त सरकारी वकील को निर्देश दिया कि वे स्पष्ट करें कि क्या पुलिस ने यह आदेश जारी करते समय स्थानीय परंपराओं और प्रथाओं पर विचार किया था। अदालत ने कहा कि प्रतिबंध के औचित्य की जांच आवश्यक है।
मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी। इस बीच, ट्रस्ट ने अंतरिम राहत की मांग करते हुए अदालत से पुलिस के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया है, यह कहते हुए कि इससे धार्मिक प्रथाओं और गांववासियों के दैनिक जीवन में बाधा उत्पन्न हो रही है।