कर्नाटक हाईकोर्ट ने डी.के. शिवकुमार और केपीसीसी के खिलाफ बीजेपी द्वारा दायर मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगाई रोक

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) को अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इकाई द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति एस.आर. कृष्ण कुमार ने भाजपा को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। इस आदेश के साथ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही फिलहाल रोक दी गई है। गौरतलब है कि इसी मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी जनवरी में हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिल चुकी है।

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यह मानहानि मामला कांग्रेस पार्टी द्वारा 2023 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जारी किए गए “भ्रष्टाचार रेट कार्ड” नामक विज्ञापनों से जुड़ा है। इन विज्ञापनों में तत्कालीन भाजपा सरकार पर नियुक्तियों और तबादलों में तयशुदा “रेट” और “कमीशन” के आरोप लगाकर उसे संस्थागत रूप से भ्रष्ट बताया गया था।

भाजपा का कहना है कि इन विज्ञापनों में लगाए गए आरोप मनगढंत, अपमानजनक और चुनावी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से लगाए गए थे। शिकायत में डी.के. शिवकुमार को केपीसीसी अध्यक्ष के रूप में और सिद्धारमैया को तत्कालीन विपक्ष के नेता के रूप में मुख्य जिम्मेदार बताया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी इस सामग्री को सोशल मीडिया पर साझा कर प्रचारित करने का आरोप लगाया गया है।

विज्ञापन अभियान में कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार को “ट्रबल इंजन सरकार” कहे जाने को लेकर भी विवाद है, जिसे भाजपा ने अपनी “डबल इंजन सरकार” की रणनीति का मज़ाक उड़ाने और मतदाताओं को भ्रमित करने की सोची-समझी कोशिश बताया है।

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डी.के. शिवकुमार की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता के. शशि किरण शेट्टी और अधिवक्ता सूर्य मुकुंदराज पेश हुए, जबकि केपीसीसी की ओर से अधिवक्ता एस.ए. अहमद और संजय बी. यादव ने पैरवी की।

मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी, जिसमें हाईकोर्ट इस बात की समीक्षा करेगा कि भाजपा द्वारा दायर यह मानहानि मामला विधिसम्मत और औचित्यपूर्ण है या नहीं।

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