कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य में बेलूर और सकलेशपुर के बीच एक रेलवे लिंक के प्रस्ताव को बहाल करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।
बेलूर-सकलेशपुर रेलवे लाइन राज्य सरकार द्वारा 17 जनवरी, 2019 को प्रस्तावित की गई थी, लेकिन बाद में लागत में वृद्धि के कारण परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई।
एचसी नंदीश द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि रेलवे लिंक क्षेत्र के लोगों के लिए फायदेमंद होगा और प्रस्ताव को नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी की खंडपीठ के समक्ष जनहित याचिका (पीआईएल) सुनवाई के लिए आई।
सरकार ने अपनी आपत्तियों में कहा कि चिकमगलुरु-बेलूर-सकलेशपुर परियोजना को गिरा दिया गया है, जबकि चिकमगलुरु-बेलुरु-हसन-सकलेशपुर-मंगलुरु के बीच एक और प्रस्ताव सकलेशपुर को जोड़ेगा।
सरकार ने यह कहते हुए याचिका पर भी आपत्ति जताई कि याचिकाकर्ता विशेषज्ञ नहीं हैं और अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस सामग्री प्रदान करने में भी विफल रहे हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि वह सरकार के नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा। यूनियन ऑफ इंडिया बनाम जेडी सूर्यवंशी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए, एचसी ने कहा कि विभिन्न तकनीकी, वित्तीय और प्रशासनिक विचारों पर विचार करने के बाद रेलवे को रेलवे लाइनों पर निर्णय लेना था।