एक महत्वपूर्ण फैसले में, कर्नाटक हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ओला, उबर और रैपिडो जैसे एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुक की गई ऑटो-रिक्शा सवारी के लिए सेवा शुल्क को पांच प्रतिशत तक सीमित करने वाले पिछले आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश एन वी अंजारिया और न्यायमूर्ति के वी अरविंद की खंडपीठ ने लिया, जिन्होंने इस मामले की अंतिम सुनवाई 29 अगस्त को निर्धारित की।
यह फैसला कर्नाटक राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखता है, जिसे पहले हाईकोर्ट की एकल-न्यायाधीश पीठ ने मान्य किया था। इस विनियमन का उद्देश्य उपभोक्ताओं को इन राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म द्वारा लगाए गए अत्यधिक सेवा शुल्क से बचाना है।
कार्यवाही के दौरान, अपीलकर्ताओं ने एकल-न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा मांगी, लेकिन खंडपीठ ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। हालांकि, पीठ ने रजिस्ट्रार (न्यायिक) को दिए गए निर्देश पर रोक लगाकर आंशिक राहत प्रदान की, जिसके तहत एकल न्यायाधीश के आदेश की एक प्रति भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के अध्यक्ष को भेजी जानी थी।