जज हुए हैरान, आरोपी से पूछा: “तुम बैंक लूटकर साइकिल से कैसे भागते?”

कानपुर की एक अदालत में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया, जब B.Sc के एक छात्र लवी ने Ghatampur स्थित भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में लूट की कोशिश की। अदालत में जज ने सबसे पहले पूछा, “तुम बैंक लूटकर साइकिल से कैसे भागते?” यह सुनकर लवी के पास कोई जवाब नहीं था।

19 जनवरी को हरदेवी स्मृति कॉलेज का तृतीय वर्ष का छात्र लवी, एक देसी तमंचा लेकर Ghatampur के SBI बैंक में घुसा। वहां उसने बैंक लूटने की कोशिश की, लेकिन बैंक के कर्मचारियों ने उसे पकड़ लिया। खुद को बचाने के प्रयास में उसने चाकू से बैंक मैनेजर और कैशियर पर हमला कर दिया, जिससे दोनों घायल हो गए। सिक्योरिटी गार्ड की मदद से कर्मचारियों ने लवी को काबू में कर रस्सी से बांध दिया और पुलिस को सूचना दी।

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अदालत में लवी से उसकी गर्लफ्रेंड के बारे में सवाल किए गए, क्योंकि ऐसी रिपोर्ट थी कि उसके निर्णयों पर गर्लफ्रेंड का प्रभाव हो सकता है। लेकिन लवी ने इस सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया। कोर्ट ने उसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच का आदेश दिया है।

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लवी एक साधारण किसान परिवार से है। रिपोर्ट के अनुसार, उस पर आर्थिक दबाव था और वह अपने परिवार के लिए पैसा कमाने की कोशिश कर रहा था। इस दबाव में उसने यह खतरनाक कदम उठाया।

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि लवी ने लूट की योजना बनाने के लिए 650 वीडियो और वेब सीरीज देखी थीं। उसने बैंक के अंदर कई बार जाकर नक्शा तैयार किया और सुरक्षा व्यवस्थाओं की जानकारी जुटाई। उसके मोबाइल फोन में कई ऐसे वीडियो और वेब सीरीज मिलीं, जिनमें बैंक लूट की घटनाएं दिखाईं गई थीं।

लवी के अनुसार, कुछ लोगों ने उसे और उसके परिवार को धमकाया था। उन्होंने कहा था कि अगर वह बैंक लूटकर उन्हें पैसे नहीं देगा, तो वे उसके परिवार को खत्म कर देंगे। इसी डर में आकर उसने यह कदम उठाया।

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घाटमपुर के एसीपी रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि लवी ने अदालत में वही कहानी सुनाई जो उसने पुलिस को बताई थी। पुलिस अब भी इस घटना की जांच कर रही है और उसके मोबाइल व सीसीटीवी फुटेज की गहराई से पड़ताल कर रही है।

अदालत ने लवी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस घटना ने एक अनोखे अपराध की कहानी सामने रखी है, जहां गलत फैसले और दबाव ने एक छात्र को अपराध की ओर धकेल दिया। साइकिल से भागने की उसकी योजना ने इस मामले को और भी चौंकाने वाला बना दिया।

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