जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरुण पल्ली ने बुधवार को पद की शपथ ली। जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें शपथ दिलाई।
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, हाईकोर्ट के न्यायाधीश, अधीनस्थ न्यायपालिका के सदस्य, तथा अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी.एस. संधवाळिया भी समारोह में मौजूद रहे।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, जो कि जस्टिस पल्ली का मूल हाईकोर्ट है, से कई वर्तमान और सेवानिवृत्त न्यायाधीश, अधिवक्ता, परिजन और मित्रगण भी इस समारोह में शामिल हुए।
जस्टिस अरुण पल्ली की नियुक्ति इसी महीने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के बाद की गई है। वह संविधानिक मूल्यों, बौद्धिक स्पष्टता और न्यायिक संतुलन के लिए प्रसिद्ध रहे हैं।
जस्टिस पल्ली 28 दिसंबर 2013 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। अपने दशकभर के न्यायिक कार्यकाल में उन्होंने संवैधानिक, दीवानी, मध्यस्थता और बौद्धिक संपदा से जुड़े जटिल मामलों में निर्णय दिए हैं, जो उनकी संवेदनशीलता, तार्किकता और विधिक स्पष्टता के लिए पहचाने जाते हैं।
मई 2023 से वह हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। अक्टूबर 2023 में उन्हें राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की गवर्निंग बॉडी में भी नामित किया गया था, जो न्याय तक पहुँच को लेकर उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है।
न्यायपालिका में आने से पूर्व जस्टिस पल्ली एक प्रतिष्ठित वकील रहे हैं। उन्हें 2007 में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था और 2004 से 2007 तक पंजाब के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में सेवा दी। उन्होंने कई संवैधानिक मामलों में न्यायालय के समक्ष अमीकस क्यूरी की भूमिका भी निभाई।
18 सितंबर 1964 को जन्मे जस्टिस पल्ली एक विधिक परंपरा से जुड़े परिवार से आते हैं। उनके पिता, जस्टिस (सेवानिवृत्त) प्रेम किशन पल्ली, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में न्यायाधीश रह चुके हैं। उन्होंने 1988 में पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और उसके बाद व्यापक कानूनी प्रैक्टिस की।