उत्तर प्रदेश में एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य भर के विभिन्न स्तरों के 582 न्यायिक अधिकारियों का तबादला कर दिया है। यह कदम “वार्षिक तबादला-2025” के तहत उठाया गया, जिसे रविवार शाम इलाहाबाद हाईकोर्ट के संयुक्त रजिस्ट्रार सतीश कुमार पुष्कर द्वारा जारी किया गया।
तबादला सूची में कुल 236 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, 207 सिविल जज (सीनियर डिवीजन) और 139 सिविल जज (जूनियर डिवीजन) शामिल हैं। सभी न्यायाधीशों को तुरंत अपने-अपने नए पदस्थानों पर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है।
तबादलों की दृष्टि से कानपुर सबसे आगे रहा, जहां 13 न्यायाधीशों का स्थानांतरण किया गया है। इसके बाद अलीगढ़ में 11 और बरेली में 5 न्यायाधीशों का तबादला हुआ है।

इस फेरबदल में एक प्रमुख नाम न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर का है, जो वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे से जुड़े अपने फैसले के लिए चर्चित हैं। पहले बरेली में तैनात रहे न्यायाधीश दिवाकर को अब चित्रकूट जिला न्यायालय भेजा गया है। बरेली में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए, जिनमें इस्लामी धर्मगुरु मौलाना तौकीर रज़ा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का आदेश भी शामिल है। न्यायाधीश दिवाकर अक्सर अपने फैसलों में धार्मिक ग्रंथों का उल्लेख करते हैं, जिसके चलते वे कई बार चर्चा में रहे हैं।