झारखंड सरकार ने शनिवार को वकीलों और उनके परिजनों के लिए एक विशेष स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की, जो देश में अपनी तरह की पहली पहल है। यह योजना राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत शुरू की गई है और इसका उद्देश्य कानूनी पेशे से जुड़े लोगों को स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना का शुभारंभ खेलगांव, रांची स्थित हरिवंश टाना भगत इनडोर स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में किया। उन्होंने इसे “ऐतिहासिक कदम” बताते हुए कहा, “यह योजना हमारे सम्मानित विधिक पेशेवरों को गरिमा और सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक प्रयास है। सरकार ने इस महत्वपूर्ण वर्ग के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी स्वयं लेने का निश्चय किया है।”
विधि विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा
मुख्यमंत्री सोरेन ने इस अवसर पर यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार झारखंड में एक विश्वस्तरीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना की विस्तृत योजना तैयार कर रही है। उन्होंने कहा, “बहुत जल्द हम झारखंड में एक उत्कृष्ट विधिक संस्थान की नींव रखेंगे, जो न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता लाएगा बल्कि राज्य की न्याय व्यवस्था को भी सशक्त करेगा।”

समावेशी विकास पर ज़ोर
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “हमारी सरकार हर वर्ग—ग्रामीण हो या शहरी, गरीब हो या अमीर, युवा हो या वृद्ध—की भलाई के लिए कार्य कर रही है। झारखंड के समक्ष जो दीर्घकालिक विकासात्मक चुनौतियां हैं, उन्हें हम समावेशी और टिकाऊ नीतियों के माध्यम से दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उन्होंने वकीलों के परिवारों से गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाने की अपील की, जिसके तहत छात्रों को ₹15 लाख तक का गारंटी मुक्त शिक्षा ऋण दिया जाता है। उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आर्थिक कारणों से हमारे बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील या अन्य पेशेवर बनने से वंचित न रह जाएं।”
वरिष्ठ मंत्रियों व अधिवक्ताओं की उपस्थिति
इस आयोजन में कई वरिष्ठ मंत्री व गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें मंत्री राधाकृष्ण किशोर, संजय प्रसाद यादव, डॉ. इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सिंह और सुदिव्य कुमार; राज्यसभा सांसद डॉ. महुआ माजी; विधायक सुरेश कुमार बैठा; अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अजय कुमार सिंह; महाधिवक्ता राजीव रंजन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक अबू इमरान शामिल थे।