झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए खाद्य सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करे और खुले में मांस व चिकन की बिक्री पर तत्काल रोक लगाए।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ श्यामानंद पांडेय द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि राज्य में बकरों और मुर्गियों का खुले में वध किया जा रहा है और कसाई की दुकानों पर मांस को खुलेआम लटकाकर रखा जाता है, जिससे स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर चिंताएं पैदा होती हैं। इस पर पीठ ने खुले में मांस बिक्री की प्रथा पर नाराजगी जताई और राज्य सरकार तथा रांची नगर निगम को इस संबंध में तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए।
अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए खाद्य सुरक्षा नियमों को राज्यभर में सख्ती से लागू किया जाए। सरकारी वकील ने पीठ को बताया कि राज्य प्रशासन अपनी ओर से खाद्य सुरक्षा मॉडल विनियमों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में है। इस पर अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक राज्य अपने नियम तैयार नहीं कर लेता, तब तक केंद्र के खाद्य सुरक्षा नियमों को कठोरता से लागू किया जाए।
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि खुले में मांस काटने और बेचने से राहगीरों और विशेष रूप से छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि कई छात्र स्कूल बसों से उतरते समय कसाई की दुकानों पर लटका मांस देखते हैं, जिससे छोटे बच्चों के मन पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसके अलावा, मांस की गुणवत्ता और स्वच्छता की जांच के लिए कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं होने का भी दावा किया गया।
मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी।

