झारखंड में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी की समस्या को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) को राज्यभर के स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति की एक स्पष्ट अंतिम तिथि तय करने का आदेश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति दीपक रोशन की खंडपीठ ने अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां ड्रेज द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
जनहित याचिका में यह बताया गया है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की बेहद कमी है, जिससे झारखंड शिक्षक उपलब्धता के मामले में देश के सबसे निचले पायदान पर आ गया है। याचिका के अनुसार, यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (UDISE) के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य के 30% से अधिक सरकारी स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यह स्थिति ‘निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009’ का उल्लंघन है, जो प्रत्येक स्कूल में कम से कम दो शिक्षकों और हर 30 छात्रों पर एक शिक्षक की व्यवस्था अनिवार्य करता है।
ज्यां ड्रेज की याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2016 के बाद से किसी भी नए शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है, जबकि JSSC ने राज्य भर में 26,000 शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इन नियुक्तियों में लगातार हो रही देरी को लेकर चिंता जताई गई है और इसी कारण अदालत में कानूनी हस्तक्षेप मांगा गया।

सुनवाई के अंत में अदालत ने अगली तारीख 16 अप्रैल निर्धारित की है और JSSC से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने की दिशा में आदेश का पालन करने की अपेक्षा की है।