झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को हजारीबाग ज़िले में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) की पाकरी बरवाडीह कोयला परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि के मालिकों की बेदखली पर रोक लगा दी। यह आदेश मंगलवार को ग्रामीणों और प्रशासन के बीच हुई हिंसक झड़प के एक दिन बाद आया, जिसमें कम से कम 12 लोग घायल हुए थे।
न्यायमूर्ति राजेश कुमार ने बसुदेव साव और परियोजना-प्रभावित क्षेत्र के अन्य भूमि मालिकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं को उनकी भूमि से जबरन नहीं हटाया जाएगा। अदालत ने एनटीपीसी को जवाब दाखिल करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की।
याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना था कि भले ही भूमि का अधिग्रहण कोल बेयरिंग एरियाज़ (अधिग्रहण और विकास) अधिनियम तथा भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत किया गया हो, लेकिन इन कानूनों में निर्धारित अनिवार्य प्रक्रियाओं का पालन एनटीपीसी ने नहीं किया। साथ ही, प्रभावित भूमि मालिकों को दी गई मुआवज़े की राशि पुराने मानकों के आधार पर तय की गई, जबकि वर्तमान बाज़ार दर और सामाजिक प्रभाव आकलन के अनुसार मुआवज़ा दिया जाना चाहिए था।

मंगलवार को हुए विवाद में ग्रामीणों की एनटीपीसी और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ भिड़ंत हो गई, जिसमें कई लोग घायल हुए। प्रशासन ने इस मामले में 335 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें 250 अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं।
पुलिस ने कहा कि घटना की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह और पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने बुधवार को मौके पर डेरा डाला। अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।