झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनावों में देरी पर राज्य सरकार को फटकार लगाई

झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को नगर निकाय चुनाव समय पर न कराने के लिए कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि सरकार ने पूर्व में दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया है और इस संबंध में अधिकारियों से जवाब मांगा है।

यह मामला पूर्व रांची वार्ड पार्षद रोशनी खाल्को द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया। खाल्को ने आरोप लगाया कि चुनाव में देरी के कारण स्थानीय निकायों की कार्यप्रणाली ठप पड़ी है और जनता तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने ICICI बैंक से सेवानिवृत्ति लाभ के लिए चंदा कोचर की याचिका खारिज कर दी

झारखंड में कई नगर निकाय चुनाव लंबे समय से लंबित हैं। देवघर और धनबाद नगर निगम सहित 12 शहरी स्थानीय निकायों में जून 2020 से चुनाव नहीं हुए हैं। वहीं रांची नगर निगम सहित अन्य निकायों में अप्रैल 2023 से चुनाव नहीं कराए गए हैं।

कई निकायों में आखिरी बार चुनाव अप्रैल 2018 में हुए थे और पार्षदों का कार्यकाल 2023 में समाप्त हो चुका है। झारखंड नगर पालिका अधिनियम के अनुसार हर पांच साल में चुनाव कराना अनिवार्य है।

READ ALSO  जहां मैट्रिक प्रमाण पत्र के बारे में संदेह है, किशोर की चिकित्सा परीक्षा उसके आयु निर्धारण का आधार बन सकती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने पहले ही 4 जनवरी 2024 को सरकार को तीन सप्ताह के भीतर चुनाव कराने का निर्देश दिया था। लेकिन समयसीमा बीत जाने के बाद भी सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया, जिसके बाद अवमानना याचिका दायर की गई।

सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव अल्का तिवारी और शहरी विकास विभाग के सचिव सुनील कुमार अदालत में उपस्थित रहे। अदालत ने दोनों अधिकारियों को शपथपत्र दाखिल कर देरी का कारण बताने और आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

READ ALSO  ब्रेकिंग | सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के विडीओ के मामले में ज़ी न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

याचिकाकर्ता खाल्को ने दलील दी कि सरकार द्वारा चुनाव की अधिसूचना जारी न करने से नगर निकायों के माध्यम से लागू होने वाली जनकल्याण योजनाएं प्रभावित हो रही हैं और नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles