झारखंड हाईकोर्ट ने पेसा अधिनियम के नियमों के कार्यान्वयन में देरी पर राज्य सरकार से मांगा जवाब

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा) के तहत नियमों के कार्यान्वयन में देरी पर स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने इससे जुड़ी पूर्ववर्ती आदेशों की अनदेखी पर गंभीर चिंता जताई।

मुख्य न्यायाधीश एम. एस. रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य सरकार पर अदालत द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर पेसा नियमों को अधिसूचित न करने का आरोप लगाया गया है। अदालत ने जुलाई 2023 में नियमों के कार्यान्वयन के लिए दो महीने का समय दिया था, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

READ ALSO  ट्रेन में चोर को पकड़ने के दौरान घायल हुए यात्री को हाईकोर्ट ने दिलाया 8 लाख रुपये का मुआवजा

पेसा अधिनियम एक केंद्रीय कानून है जो अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को अधिक स्वायत्तता और अधिकार देता है, विशेष रूप से स्थानीय संसाधनों के प्रबंधन और जनजातीय प्रशासन से संबंधित मामलों में।

Video thumbnail

इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने तत्कालीन पंचायती राज प्रमुख सचिव विनय कुमार चौबे को नोटिस जारी किया है और निर्देश दिया है कि वे अदालत के आदेश की अवहेलना के लिए जवाब दें, जो अवमानना की श्रेणी में आ सकता है।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी वीडियो पर NSA लगाने के खिलाफ जेल में बंद बिहार YouTuber की याचिका पर जवाब देने के लिए तमिलनाडु सरकार को समय दिया

अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles