जल निकायों की रक्षा के लिए झारखंड हाईकोर्ट सख्त, अतिक्रमण हटाने और ‘नो-एंट्री जोन’ बनाने के आदेश

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के जल निकायों की सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए गुरुवार को राज्य सरकार के अधिकारियों और रांची नगर निगम को आदेश दिया कि जलाशयों और तालाबों के चारों ओर से सभी अतिक्रमण तुरंत हटाए जाएं और इन क्षेत्रों को ‘नो-एंट्री जोन’ घोषित किया जाए।

मुख्य न्यायाधीश तारलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता खुशबू कतारुका द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में रांची के केंद्र में स्थित ‘बड़ा तालाब’ या ‘स्वामी विवेकानंद सरोवर’ की दयनीय स्थिति को उजागर किया गया था।

READ ALSO  कोई भी न्यायालय वकीलों या वादियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा देने से मना नहीं कर सकता, बशर्ते कि यह सुविधा उपलब्ध हो: मद्रास हाईकोर्ट

कोर्ट ने जल संसाधन और शहरी विकास विभाग के सचिवों, रांची के उपायुक्त और नगर निगम के प्रशासक को निर्देश दिया कि वे जल निकायों की चारदीवारी के चारों ओर कांटेदार तारों की बाड़ लगाएं ताकि आगे कोई अतिक्रमण न हो सके।

Video thumbnail

पिछली सुनवाई में अदालत ने इन अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था और राजधानी सहित राज्य भर में जल निकायों के कैचमेंट क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने को कहा था।

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि कांके और धुर्वा डैम के आसपास की कई एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। स्थानीय दलालों द्वारा जमीन बेची गई और उन पर बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दी गईं, जिससे जल स्रोतों का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हो गया है।

READ ALSO  अदालतों के कामकाज की भाषा अंग्रेजी से हिंदी करने का कोई प्रस्ताव नहीं: सरकार

कोर्ट ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि जल निकायों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है और यह हालात चिंताजनक हैं। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि अगली सुनवाई से पहले एक विस्तृत हलफनामा दाखिल किया जाए जिसमें बताया जाए कि जल निकायों के कैचमेंट क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।

अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।

READ ALSO  पांच साल की एलएलबी को चार साल का करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने एक वर्षीय एलएलएम केस से जोड़ा
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles