झारखंड हाई कोर्ट का निर्देश: बिना मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन खाँसी की दवा और साइकोट्रॉपिक ड्रग्स न बेचें, नियमित छापेमारी भी हो

झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और ड्रग कंट्रोलर को निर्देश दिया है कि खाँसी की सिरप और अन्य मन:प्रभावी दवाइयाँ बिना वैध मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन किसी को भी न बेची जाएँ।

मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। यह याचिका सुनील कुमार महतो ने दायर की है, जिसमें राजधानी रांची में खाँसी की सिरप और नशीली दवाओं की खुलेआम बिक्री का मुद्दा उठाया गया था।

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महतो ने अदालत को बताया कि राज्य की राजधानी में कई दवा दुकानों द्वारा खाँसी की सिरप और अन्य नशीली दवाइयाँ बिना प्रिस्क्रिप्शन बेची जा रही हैं और इन्हें स्कूल के छात्र बड़ी मात्रा में सेवन कर रहे हैं, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने राज्य के ड्रग कंट्रोलर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी मेडिकल स्टोर बिना उचित प्रिस्क्रिप्शन खाँसी की दवा या अन्य नशीली दवाइयाँ न बेचे। अदालत ने ड्रग कंट्रोलर को नियमित छापेमारी करने और दवा दुकानों तथा राज्य में कार्यरत फार्मास्यूटिकल कंपनियों के स्टॉक की जाँच करने का भी आदेश दिया।

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राज्य सरकार को अदालत द्वारा जारी निर्देशों पर की गई कार्रवाई की अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है। मामला अब 12 दिसंबर को फिर से सुना जाएगा।

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