इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा कि किसान बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसान को आय प्रमाणपत्र देना अनिवार्य नही है। किसान को असीमित आय पर भी बीमा पाने का हक है। कोर्ट ने कहा है कि जिला रिव्यू कमेटी का आदेश बीमा कंपनी पर बाध्यकारी है।
सरकारी कंपनी होने के कारण ओरियंटल बीमा कंपनी को राष्ट्रीय वाद नीति का अनुपालन करते हुए व्यर्थ की मुकदमेबाजी नही करनी चाहिए। कोर्ट ने बीमा कंपनी को आदेश दिया है की वह जिला कमेटी के आदेशानुसार हर्जाना सहित तत्काल भुगतान करे। कोर्ट ने पाँच हजार रुपए का हर्जाना तय करते हुए बीमा कंपनी की याचिका खारिज कर दी है। उपरोक्त आदेश न्यायाधीश एसपी केशरवानी एंव न्यायमूर्ति डॉ वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने ओरिएंटल बीमा कंपनी झांसी की दाखिल याचिका पीकर दिया।
कोर्ट में दाखिल याचिका के अनुसार 20 जून 2019 को परिवार के 25 वर्षीय मुखिया किसान की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। विधवा उमा देवी एंव दो अन्य तहसीलदार से 30 हजार रुपए वार्षिक आय प्रमाणपत्र के साथ 29 अगस्त को बीमा दावा दाखिल किया। जिसे कंपनी ने यह कहते हुए रदद कर दिया कि इस दावा के साथ आय प्रमाणपत्र 45 दिन की समयसीमा के बाद दाखिल किया गया है। इसे झांसी के जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला रिव्यू कमेटी ने अस्वीकार करते हुए विधवा को पांच लाख बीमा राशि का एक महीने में भुगतान करने का निर्देश देते हुए कहा है कि भुगतान न करने की दशा में हर हफ्ते के हिसाब से जुर्माना भी देना होगा।
CLICK TO READ/DOWNLOAD JUDGMENT