छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सरकारी प्राथमिक विद्यालय, तुकारडीह में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, जहाँ कथित तौर पर 139 छात्र बिजली के झटके के निरंतर खतरे में पढ़ रहे हैं। स्वतः संज्ञान वाली जनहित याचिका (WPPIL संख्या 75/2024) में न्यायालय ने हरिभूमि, बिलासपुर में प्रकाशित एक रिपोर्ट का संज्ञान लिया, जिसमें स्कूल भवन की खस्ता हालत और छात्रों के जीवन को खतरे में डालने वाले अवैध बिजली कनेक्शनों पर प्रकाश डाला गया था।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला एक समाचार पत्र के लेख से उत्पन्न हुआ, जिसमें तुकारडीह में सरकारी प्राथमिक विद्यालय के आसपास की खतरनाक स्थितियों का विवरण दिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल की इमारत बहुत ही खस्ताहाल है, जिसकी छत बच्चों के लिए खतरा बन गई है। खतरे को और बढ़ाने वाली बात यह है कि स्कूल भवन के ऊपर से अवैध बिजली कनेक्शन गुजर रहे हैं, कथित तौर पर तार छत को छू रहे हैं, जिससे संरचना में करंट आ रहा है।
शिक्षा विभाग और बिजली विभाग दोनों को बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई, जिससे बच्चों की जान को खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय ग्रामीण, जो अवैध कनेक्शनों के लिए जिम्मेदार हैं, ने भी उन्हें काटने से इनकार कर दिया है, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई है।
न्यायालय की कार्यवाही
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की अध्यक्षता में एक स्वप्रेरणा जनहित याचिका के माध्यम से यह मामला हाईकोर्ट के ध्यान में लाया गया। न्यायालय का प्रतिनिधित्व छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता श्री प्रफुल्ल एन. भारत और राज्य की ओर से उप महाधिवक्ता श्री शशांक ठाकुर ने किया।
23 सितंबर 2024 को सुनवाई के दौरान, विद्वान महाधिवक्ता ने स्कूल में खतरनाक स्थिति के बारे में निर्देश लेने के लिए एक छोटी स्थगन की मांग की। हालांकि, अधिकारियों की ओर से तत्परता की कमी से स्पष्ट रूप से परेशान न्यायालय ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को स्थिति को सुधारने के लिए की गई कार्रवाई को रेखांकित करते हुए एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।
कानूनी मुद्दे और अवलोकन
अदालत ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अधिकारियों, विशेष रूप से शिक्षा और बिजली विभागों की ओर से की गई लापरवाही को उजागर किया। कई शिकायतों के बावजूद अवैध बिजली कनेक्शनों को न काटना एक गंभीर चूक मानी गई। अदालत ने घातक दुर्घटना की संभावना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा:
“139 छात्रों का जीवन गंभीर खतरे में है, और कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है। संबंधित अधिकारियों की निष्क्रियता न केवल लापरवाही है, बल्कि इन बच्चों के जीवन के मौलिक अधिकार को भी खतरे में डालती है।”
अदालत के आदेश
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, अदालत ने स्कूल शिक्षा विभाग, महानदी भवन, अटल नगर के सचिव को 30 सितंबर 2024 तक व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया। हलफनामे में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अवैध बिजली कनेक्शनों को हटाने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण होना चाहिए।
मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर 2024 को होगी, जब अदालत को अधिकारियों से पूरी रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है। न्यायालय के सख्त निर्देश से संकेत मिलता है कि आगे कोई भी देरी या निष्क्रियता संबंधित अधिकारियों के लिए गंभीर परिणाम ला सकती है।
केस विवरण:
– केस संख्या: WPPIL संख्या 75/2024
– शामिल पक्ष: स्वप्रेरणा से जनहित याचिका बनाम छत्तीसगढ़ राज्य और अन्य
– पीठ: मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु
– राज्य के वकील: श्री प्रफुल्ल एन. भारत, महाधिवक्ता, श्री शशांक ठाकुर, उप महाधिवक्ता द्वारा सहायता प्राप्त