हिमाचल हाईकोर्ट ने छह मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की पीठ ने कल्पना देवी द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर नोटिस जारी किया और सरकार और सभी पक्षों से 21 अप्रैल को अगली सुनवाई से पहले अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 8 जनवरी, 2023 को कैबिनेट विस्तार से पहले छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति की थी।
याचिकाकर्ता के वकील संजय कुमार ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा की गई नियुक्ति को संविधान के विपरीत बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की।
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 17 जनवरी को आदेश जारी किया कि सीपीएस को मंत्रियों के साथ जोड़ा जाएगा और यह संविधान के अनुच्छेद 164 (1ए) के उद्देश्य को बाधित करता है।
अनुच्छेद 164 (1ए) के तहत, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या, राज्य की विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या के पंद्रह प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, बशर्ते कि राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या न हो 12 से कम हो।
इस तरह 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में मंत्रियों की अधिकतम सीमा 12 है।