इलाहाबाद हाईकोर्ट के नवीनतम आदेश में, माननीय श्री मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और माननीय श्री न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की एक खंडपीठ ने एक जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, जिसमें दुर्गा पूजा के आयोजन को अनुमति देने के लिए दिशा-निर्देश की मांग की गयी थी।
सितंबर के अंतिम सप्ताह में, राज्य सरकार ने आदेश जारी किया था कि कोविड 19 महामारी मामलों में वृद्धि को देखते हुए, इस वर्ष दुर्गा पूजा पंडालों की अनुमति नहीं दी जाएगी। यहां पढ़ें
प्रणब कुमार रॉय और एक अन्य द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई थी। उपर्युक्त जनहित याचिका के माध्यम से यह मॉंग की गयी थी की कोर्ट सरकार को निर्देशित करने की वे दुर्गा पूजा आयोजन किय लिए बरवारियॉं समिति को अनुमति प्रदान करें।
साथ ही साथ यह भी याचना की गयी थी की जिल जिला और पुलिस प्रशासन बंगाली वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाकर दुर्गा पूजा आयोजन कि लिए निर्णय ले।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पक्षों की सुनवाई के बाद कहा कि दुर्गा पूजा या किसी अन्य सामाजिक और धार्मिक आयोजन को अनुमति देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड19 महामारी का मुकाबला करने के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों के अधीन ही फैसला लिया जा सकता है।
अंततः न्यायालय ने जनहित याचिका मंे यह निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता जिला मजिस्ट्रेट, प्रयागराज के समक्ष आवेदन कर सकता है, जिसपर जिला मजिस्ट्रेट उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखकर विचार करेंगे।
Case Details
Title: Pronob Kumar Roy And Another vs State Of U.P. And 4 Others
Case No. PIL No. 969 of 2020
Date of Order: 28.09.2020
Quorum: Hon’ble Mr. Chief Justice Govind Mathur and Hon’ble Mr. Justice Siddhartha Varma
Counsel for Petitioner:- Vijay Chandra Srivastava,Sunita Sharma
Counsel for Respondent :- C.S.C.,Satyavrat Sahai