हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक अनोखी फटकार लगाते हुए एक शिक्षिका को स्कूल परिसर में अपने बेटे की शादी का आयोजन करने के प्रायश्चित के तौर पर सरकारी स्कूल में दो वाटर प्यूरीफायर लगाने का निर्देश दिया है। यह कार्यक्रम 5 नवंबर, 2021 को हमीरपुर के सुलगवान गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय जाहू कलां में हुआ था, जिसमें प्रधानाध्यापक और स्कूल स्टाफ मौजूद थे।
यह घटना स्थानीय निवासी शशिकांत द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद सामने आई, जिन्होंने स्कूल प्रशासन और ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा विभाग को स्कूल की संपत्ति के दुरुपयोग की सूचना दी थी। शिकायत के सत्यापन के बावजूद, कोई प्रारंभिक कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद शशिकांत ने अप्रैल 2022 में एक आरटीआई आवेदन और हाईकोर्ट में एक याचिका के माध्यम से आगे की जवाबदेही के उपाय करने का फैसला सुनाया।
न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने मामले को संबोधित करते हुए सरकारी स्कूल परिसर में राजनीतिक या निजी कार्यक्रमों पर रोक लगाने वाले 2012 के हाईकोर्ट के फैसले का हवाला दिया। अदालत ने शिक्षक के कार्यों को इस आदेश का उल्लंघन पाया और स्कूल में वाटर प्यूरीफायर लगाने का सुधारात्मक उपाय लागू किया। यह निर्णय शैक्षणिक संस्थानों की पवित्रता बनाए रखने के बारे में न्यायपालिका के रुख को रेखांकित करता है।
अदालत ने अब सेवानिवृत्त हो चुके प्रधानाध्यापक को 18 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई में उपस्थित होने के लिए भी बुलाया है ताकि शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की जांच की जा सके। इसके अतिरिक्त, सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक पर इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अदालत की अवमानना का आरोप भी लग सकता है।