हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को आदेश दिया कि शिमला-कालका नेशनल हाईवे-5 पर स्थित सनवाड़ा टोल प्लाजा पर 20 सितंबर से 30 अक्टूबर तक उपयोग शुल्क (टोल) की वसूली रोक दी जाए। अदालत ने कहा कि सड़क की खराब स्थिति और अपर्याप्त सुविधाओं के बीच टोल वसूली उचित नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश ऊना जिले के उतांश मोंगा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता गणेश बरोवालिया ने बताया कि पीठ ने विशेष रूप से चक्की मोड़ के खराब हालात पर कड़ा रुख अपनाया। अदालत ने NHAI को निर्देश दिया कि 30 अक्टूबर को स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए। विस्तृत आदेश अभी अपलोड होना बाकी है।

पिछली सुनवाई 28 अगस्त को अदालत ने चिंता जताई थी कि जुलाई और अगस्त में चक्की मोड़ पर तीन से अधिक बार सड़क बंद रही, जिससे ट्रैफिक एकतरफा करना पड़ा और दोनों ओर 5 किलोमीटर तक लंबा जाम लगा। तब अदालत ने चेतावनी दी थी कि यदि तत्काल सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो सनवाड़ा टोल प्लाजा पर वसूली निलंबित की जा सकती है।
आनंद धैया, परियोजना निदेशक, कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग ने कहा कि उन्हें अभी तक आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है।
जनहित याचिका में दलील दी गई थी कि जब सड़क की हालत इतनी खराब है और यात्रियों को भारी कठिनाई झेलनी पड़ रही है तो टोल वसूली का कोई औचित्य नहीं है। अदालत के इस आदेश से यात्रियों को अस्थायी राहत मिलेगी और NHAI पर मरम्मत व रखरखाव का काम तेज करने का दबाव बनेगा।
अब यह मामला 30 अक्टूबर को स्थिति रिपोर्ट दाखिल होने के बाद दोबारा सुना जाएगा।