बॉम्बे हाईकोर्ट ने कल्याण के पास आयरे गांव में अवैध रूप से बनी ग्राउंड-प्लस-छह मंजिला इमारत को गिराने का निर्देश कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (KDMC) को दिया है। अदालत ने इमारत के निवासियों को 15 दिन के भीतर परिसर खाली करने का समय दिया है, अन्यथा नगर निगम को कानूनी कार्रवाई कर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का आदेश दिया गया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जो भूमि मालिक बाबन केणे ने दायर की थी। उन्होंने अगस्त 2019 में “अवैध” घोषित की गई इस इमारत को गिराने के साथ-साथ संबंधित बिल्डर और लापरवाह नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिन्होंने रोक लगाने के बावजूद निर्माण जारी रहने दिया।
KDMC अधिकारियों ने अदालत में स्वीकार किया कि यह इमारत बिना किसी नियोजन अनुमति के बनाई गई थी। नगर आयुक्त इंदु रानी जाखड़ ने अदालत को बताया कि इमारत खाली कराने और गिराने की कार्रवाई शुरू की जा रही है। निगम ने यह भी बताया कि निवासियों ने इमारत को नियमित करने की मांग की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।

अवैध निर्माण में रहने वालों को कोई कानूनी अधिकार प्राप्त नहीं है, यह दोहराते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की याचिकाओं पर विचार नहीं किया जा सकता और राज्य सरकार को महाराष्ट्र क्षेत्रीय नगर नियोजन अधिनियम के खिलाफ कोई आदेश पारित न करने की चेतावनी दी। अदालत ने कहा, “केवल वैध निर्माण जिसे निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत स्वीकृति प्राप्त हो, वही मान्य होगा।”
अदालत का यह कड़ा रुख नगरीय नियोजन में जवाबदेही सुनिश्चित करने और नियामकीय मानदंडों की अनदेखी कर किए गए अवैध निर्माण को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया है।