बॉम्बे हाईकोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी मामले में संलिप्त चार आरोपियों को जमानत दे दी है। यह निर्णय न्यायालय द्वारा अभियोजन पक्ष के मामले को कमजोर पाते हुए लिया गया, जिसमें ठोस सबूतों की कमी और केवल आरोपियों के खुलासों पर आधारित कथनों पर भरोसा किया गया था।
यह मामला 19 दिसंबर 2023 को उस समय सामने आया जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने मुंबई के अंधेरी (पूर्व) स्थित DHL एक्सप्रेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के परिसर पर छापा मारा। वहां ऑस्ट्रेलिया भेजे जाने वाले एक पार्सल को जब्त किया गया, जो विकास भोईर के नाम से बुक किया गया था। जांच में पार्सल में स्टेनलेस स्टील की टेबल की शेल्फ में बने एक विशेष छिपाव स्थान से करीब 9.87 किलोग्राम एम्फेटामाइन बरामद किया गया।
आगे की जांच में तीन अन्य आरोपियों – आरिफ मोहम्मद कासिम शाह, इरफान शेख और नवीनकुमार पिंगले को गिरफ्तार किया गया। पिंगले को मादक पदार्थों का आपूर्तिकर्ता बताया गया। उनके बयानों से यह सामने आया कि यह नेटवर्क भारत से ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका तक फैला हुआ था और ड्रग्स की डिलीवरी कूरियर सेवाओं और ‘पोर्टर’ ऐप के माध्यम से की जाती थी।

विशेष लोक अभियोजक श्रीराम शिर्साट ने अदालत में आरोपियों के बीच हुई व्हाट्सएप बातचीत के सबूत पेश किए, जिससे ड्रग्स की खरीद-फरोख्त और आवाजाही में समन्वय का संकेत मिला। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा हैं और जमानत मिलने पर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं या दोबारा अपराध कर सकते हैं।
हालांकि, न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव ने पाया कि आरोपियों को एक वर्ष से अधिक समय से हिरासत में रखा गया है, जबकि अभी तक उन पर विधिवत आरोप तय नहीं किए गए हैं। उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत शीघ्र सुनवाई और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का हवाला देते हुए चारों आरोपियों को जमानत प्रदान की। न्यायालय ने यह भी कहा कि अभियोजन यह साबित नहीं कर सका कि आरोपी मादक पदार्थों के सचेत कब्जे में थे, और उनके खिलाफ मादक पदार्थों की तस्करी तथा साजिश के आरोप प्रथम दृष्टया सिद्ध नहीं होते।