पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता एवं पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा की अवधि 7 मई तक बढ़ा दी। यह आदेश उस एफआईआर के संदर्भ में आया है जो उनके विवादित बयान – “पंजाब में 50 बम पहुंच चुके हैं” – को लेकर दर्ज की गई थी।
बाजवा पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 197(1)(d) और 353(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक निजी टेलीविज़न चैनल को दिए गए साक्षात्कार में झूठी और भ्रामक जानकारी प्रसारित की, जिससे देश की संप्रभुता और एकता को खतरा हो सकता है। उन्होंने कथित रूप से कहा था कि “50 बम पंजाब में पहुंच चुके हैं, जिनमें से 18 फट चुके हैं और 32 अब भी बाकी हैं।”
बाजवा के वकील ने सुनवाई के बाद मीडिया को बताया, “अंतरिम आदेश 7 मई तक जारी रहेगा। तब तक गिरफ्तारी पर रोक बनी रहेगी।” हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की जांच अभी भी जारी है।
यह एफआईआर मोहाली स्थित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। पिछले सप्ताह बाजवा से इस बयान को लेकर करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई थी। पूछताछ के बाद बाजवा ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए आप सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उनके साथ “सतत पूछताछ” की जा रही है।
बाजवा की कानूनी टीम ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। उनका तर्क है कि नेता विपक्ष होने के नाते उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था की गिरावट को उजागर किया है, न कि समाज में असंतोष फैलाने की कोशिश की। उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार” का उल्लंघन बताया है।
हाईकोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 मई को करेगा।