पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या बंगा के विधायक सुखविंदर सिंह सुखी के खिलाफ लंबित अयोग्यता याचिका पर 29 जुलाई को पंजाब विधानसभा में सुनवाई होगी या नहीं। सुखी, जो दो बार विधायक रह चुके हैं, ने अगस्त 2023 में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) छोड़कर आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया था।
मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता एच.सी. अरोड़ा द्वारा दायर एक नई याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। अदालत ने राज्य के वकील को यह निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि पिछले लगभग दस महीनों से लंबित अयोग्यता कार्यवाही 29 जुलाई को वास्तव में सुनी जाएगी या इसे आगे स्थगित किया जाएगा।
खंडपीठ ने मामले में लगातार हो रही देरी पर चिंता जताते हुए अगली सुनवाई की तारीख 8 अगस्त निर्धारित की है।

संविधान की दसवीं अनुसूची — जिसे दलबदल विरोधी कानून भी कहा जाता है — के अनुसार, यदि कोई विधायक स्वेच्छा से अपनी मूल पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है। अधिवक्ता अरोड़ा ने सितंबर 2024 में सुखी के पार्टी बदलने के तुरंत बाद पंजाब विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अयोग्यता याचिका दायर की थी।
मामले में कोई प्रगति न होते देख, अरोड़ा ने उसी महीने हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने फरवरी में पूर्व की जनहित याचिका का निपटारा करते समय उम्मीद जताई थी कि अयोग्यता प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी।
हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय द्वारा तब से कोई कार्रवाई न किए जाने पर, अरोड़ा ने इस महीने की शुरुआत में एक नई याचिका दाखिल कर न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की ताकि मामला अनिश्चितकाल के लिए टल न जाए।
हाईकोर्ट का यह नवीनतम हस्तक्षेप विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय पर अयोग्यता याचिका पर समय पर कार्रवाई करने का दबाव बनाता है।