गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) विधायक चैतार वसावा को नियमित जमानत दे दी। वसावा जुलाई से हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद थे। अदालत ने शर्त रखी है कि वे एक साल तक नर्मदा जिले के डेढियापाड़ा तालुका में प्रवेश नहीं करेंगे।
न्यायमूर्ति एम.आर. मेंगडेय की एकलपीठ ने यह आदेश पारित किया और विधायक की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। इससे पहले राजपीपला सत्र न्यायालय ने वसावा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वसावा को 5 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109 समेत कई धाराओं में गिरफ्तार किया गया था।
एफआईआर के अनुसार, यह घटना विधायक के निर्वाचन क्षेत्र स्थित प्रांत कार्यालय में आयोजित बैठक के दौरान हुई। बैठक में वसावा ने आपना प्रत्याशी ‘आपणो तालुको विव्रांट तालुको’ समिति में शामिल न किए जाने पर आपत्ति जताई थी।

शिकायतकर्ता एवं डेढियापाड़ा तालुका पंचायत अध्यक्ष संजय वसावा ने आरोप लगाया कि विधायक ने पहले गाली-गलौज की, फिर उन पर मोबाइल फोन फेंका जिससे उनके सिर में चोट लगी। उन्होंने गिलास से भी हमला करने की कोशिश की लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
वसावा पर धारा 79, 109, 115, 324, 351 और 352 सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज है, जिनमें हत्या के प्रयास, चोट पहुँचाना और हमला करना शामिल है।
सत्र न्यायालय ने पहले वसावा के आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया था। 2023 में उन्हें स्वेच्छा से चोट पहुँचाने के मामले में छह महीने की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत देते हुए कहा कि वसावा अपने क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेंगे, जिससे स्थानीय तनाव न बढ़े।
इससे पहले, उन्हें विधानसभा के मानसून सत्र में भाग लेने के लिए तीन दिन की अस्थायी जमानत दी गई थी।